खगड़िया सदर:उप विकास आयुक्त श्रीमती अभिलाषा शर्मा ने खगड़िया प्रखंड के मथुरापुर ग्राम पंचायत में रब्बी गेहूं फसल के फसल कटनी प्रयोग का निरीक्षण किया। अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय, योजना एवं विकास विभाग, बिहार द्वारा बिहार राज्य फसल सहायता योजना अंतर्गत अधिसूचित एवं बीमित फसलों का फसल कटनी प्रयोग संपादित करवाया जाता है। जिला सांख्यिकी कार्यालय द्वारा सभी पंचायतों को फसल कटनी प्रयोग हेतु आयोजन सूची उपलब्ध कराई जाती है। मथुरापुर पंचायत में रब्बी गेहूं के कटनी प्रयोग के तहत प्राथमिक कार्यकर्ता किसान सलाहकार श्री अजय कुमार को यह प्रयोग आवंटित किया गया था, जिन्होंने उप विकास आयुक्त की उपस्थिति में इस फसल कटनी प्रयोग का संपादन किया।
उल्लेखनीय है कि रब्बी फसल गेहूं और मकई के साथ खरीफ फसल भदई मक्का और अगहनी धान का पंचायत स्तरीय फसल कटनी आयोजित किया जाता है एवं प्रत्येक पंचायत में 5 फसल कटनी प्रयोग संपादित किया जाता है। फसल कटनी प्रयोग से एक ओर जहां फसलों की उत्पादकता ज्ञात होती है, वहीं दूसरी ओर इसके आधार पर अधिसूचित एवं बीमित फसलों हेतु फसल क्षतिपूर्ति का निर्धारण सहकारिता विभाग, बिहार द्वारा किया जाता है। फसल कटनी प्रयोग से प्राप्त उत्पादकता के आंकड़ों का प्रयोग कृषि संबंधी नीतियों को तय करने में राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार द्वारा भी किया जाता है।
फसल कटनी प्रयोग उपज दर का अनुमान लगाने की एक वैज्ञानिक पद्धति है तथा इसका विधिवत संपादन किया जाना शुद्ध शुद्ध अनुमान लगाने के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसी के लिए फसल कटनी प्रयोगों की विभिन्न प्रक्रियाओं का निरीक्षण उच्च स्तरीय पदाधिकारियों द्वारा किया जाता है और इसी क्रम में आज उप विकास आयुक्त द्वारा खगड़िया में फसल कटनी प्रयोग का निरीक्षण किया गया।
फसल कटनी प्रयोग के लिए रैंडम पद्धति से चयनित खसरा संख्या पर किसान श्री समसुद्दीन के खेत का चयन किया गया। फसल कटनी प्रयोग के दौरान रैंडम तालिका स्तंभ के आधार पर खेत में 10 मीटर लंबाई एवं 5 मीटर चौड़ाई के आयताकार खंड को चिन्हित कर उक्त खंड में लगे गेहूं की फसल की कटाई कराई गई।
उप विकास आयुक्त ने विगत वर्षों के उपज के बारे में भी किसानों से जानकारी ली गई। उन्होंने जानकारी दी कि फसल औसत है। प्रखंड कृषि पदाधिकारी ने बताया कि इस खेत में गेहूं की बुवाई देर से हुई है, साथ ही पछुआ हवा चलने से दाने सूख गए हैं, जिसकी वजह से दाने पुष्ट नहीं हैं। उप विकास आयुक्त ने स्थानीय किसानों से कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं यथा किसान सम्मान निधि योजना, इनपुट अनुदान, बीज की उपलब्धता, कृषि बीमा योजना, कृषि यंत्रों पर सब्सिडी इत्यादि के संबंध में भी जानकारी हासिल की और कृषि विभाग के पदाधिकारियों कर्मियों को निर्देशित किया। उन्होंने कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ प्रत्येक किसान को पहुंचाने का निर्देश दिया।
फसल कटनी के बाद थ्रेसिंग का कार्य किया गया, जिससे प्राप्त धान के दाने की तौल की गई। 50 वर्ग मीटर क्षेत्र में कटनी किए गए गेहूं के दाने का वजन इलेक्ट्रॉनिक तराजू पर 13.950 किलोग्राम मापा गया। इस आधार पर प्रति हेक्टेयर गेहूं की उत्पादकता 27.900 क्विंटल आंकी गई। कटनी से प्राप्त गेहूं के हरे दाने को बोरे में सीलबंद किया गया और 10 दिनों तक इसे धूप में सुखाने के बाद सूखे दाने का वजन लिया जाएगा। फसल कटनी प्रयोग का चित्र एवं डाटा सीसीए ऐप पर जीपीएस लोकेशन के साथ अपलोड किया गया।
इस अवसर पर जिला सांख्यिकी पदाधिकारी श्री आनंद प्रकाश, प्रखंड विकास पदाधिकारी, खगड़िया श्री प्रशांत कुमार, अंचल अधिकारी, खगड़िया श्री अंबिका प्रसाद, प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी श्री विकास कुमार, प्रखंड कृषि पदाधिकारी श्री अभिमन्यु कुमार, कृषि समन्वयक श्री हिमांशु कुमार, किसान सलाहकार श्री अजय कुमार एवं कुंदन कुमार सहित स्थानीय कृषक उपस्थित थे।