जयपुर राजस्थान(जे पी शर्मा ): अखिल विश्व गायत्री परिवार की ओर से बुद्ध पूर्णिमा के उपलक्ष्य में रविवार, 15 मई को घर-घर में गायत्री महायज्ञ हुआ। छोटी काशी के 11 हजार से घरों में सुबह ठीक 8 बजे यज्ञ का क्रम शुरू हुआ जो डेढ़ से दो घण्टे चला। वहीं ब्रह्मपुरी, वाटिका स्थित गायत्री शक्तिपीठ में पंच कुंडीय गायत्री महायज्ञ में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने विश्व कल्याण की कामना के साथ यज्ञ भगवान को आहुतियां अर्पित की। मानसरोवर के वेदना निवारण केंद्र, गायत्री चेतना केंद्र दुर्गापुरा, मानसरोवर, प्रताप नगर, वैशाली नगर, गांधी नगर, मुरलीपुरा, करधनी, झोटवाड़ा, बनीपार्क, विद्याधर नगर सहित अन्य चेतना केंद्रों में भी सामूहिक रूप से गायत्री यज्ञ किया गया। इसकी तैयारियां जोरशोर से चल रही है। प्रदेश भर में ढाई लाख से अधिक घरों में यज्ञ हुआ। शांतिकुंज हरिद्वार से गायत्री परिवार के राजस्थान जोन के प्रभारी जय सिंह यादव ने कहा कि यज्ञ और गायत्री भारतीय संस्कृति के आधार स्तंभ है । सभी को इन दोनों के वैज्ञानिक पक्षों से परिचित होते हुए इसका अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहिए । आज पर्यावरण शुद्धि के लिए घर-घर में गायत्री यज्ञ और सद चिंतन के लिए गायत्री महामंत्र के नियमित जप की आवश्यकता है। दुर्गापुरा गायत्री चेतना केंद्र से जयपुर जोन प्रभारी सुशील कुमार शर्मा ने टोली के साथ यज्ञ संपन्न करवाया। उन्होंने कहा कि आज की परिस्थितियों में यज्ञ को घर-घर पहुंचाने के लिए ऑनलाइन माध्यम बहुत ही आसान और सर्व सुलभ है। सभी को इसका लाभ उठाना चाहिए। गायत्री परिवार राजस्थान के प्रभारी ओमप्रकाश अग्रवाल ने बताया कि शांतिकुंज हरिद्वार के दिशा-निर्देश के अनुसार पूरे प्रदेश में एक ही समय सुबह आठ बजे यज्ञ प्रारंभ हुआ। ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड पर हुए यज्ञ में आम लोगों का उत्साह देखने लायक था। कई नए लोगों ने पहली बार यज्ञ किया।