*हसलेन दौनो हाथो से दिव्यांग अपने पैरों लिखकर दशवीं का एग्जाम देगा*
*दिलावर अंसारी की रिपोर्ट*
*कटोरिया( बांका)* जब तक इंसान खुद ना चाहे कोई भी परिस्थित किसी उसे आगे बढ़ने से नही रोक सकती हमारे समाज में ऐसे बहुत से लोग है जिन्होनें परिस्थितों से डट कर दो दो हाथ किए अपने लिए रास्ते बनाए है हौसला के सामने जन्मजात दिव्यांगता भी छोटी पड़ जाती है अपने दिव्यांगता को ही अपना हथियार बनाकर लड़ने और जितने वाले बहुत से नाम हमारे सामने है दिव्यांग हसलेन के हौसले की कहानी इनमे से एक है कटोरिया प्रखंड के राजासारे के रहने वाले हसलेन अंसारी बचपन से ही दोनो हाथो से दिव्यांग है लेकिन उनके हौसले को देखते हुए अच्छे अच्छे सामान्य लोग दंग रह जाते है हसलेन ने अपनी शारीरिक कमजोरी को अपनी दुर्बलता नही बनाकर हौसलों को उड़ान देना तय किया अब हसलेन को देखकर यह नही लगता कि उनको दोनो हाथ ही नही है दिव्यांग हसलेन अपनी पढ़ाई के साथ साथ खराटेदार साईकिल भी चला लेते है लेकिन पढ़ने लिखने का जज्बा इतना कि हसलेन ने अपने पैरों से लिखने का प्रयास शुरू किया आप यकिन नही मानेंगें कि हसलेन पैरों से भी ऐसा लिखती है कि कुछ लोग अपने हाथो से भी नही लिख पाते हसलेन की लग्न और जज्वे को देखकर उसके पिता ने दशवीं में उसका दाखिला करवाया गया अगले साल हसलेन दशवीं का एग्जाम देगा हसलेन ने बताया कि सरकार के द्धारा मुझे मात्र 400सौ रूपया मिलता है अगर सरकार के द्धारा मुझे कुछ मदद मिले तो पढ़ लिखकर शिक्षक बनने का सपना है। हसलेन के पिता ने बताया कि मेरे वेटा पढ़ाई करके कुछ बनना है शिक्षक या पुलिस मे जाने की इच्छा है लेकिन मेरे परिवार के पास इतने पैसे नहीं है कि मेरे आगे की पढ़ाई करवाए अगर सरकार के द्धारा मुझे कुछ सहायता मिले तो मेरे वेटे पढ़कर शिक्षक या पुलिस बननें का सपना है।