हनुमान जन्मोत्सव स्वरचित मौलिक रचना

राजस्थान (जे पी शर्मा)
जन्मोत्सव है महावीर का,
राम नाम जिनको प्यारा।
शंकर सुमन केसरी नंदन,
अंजनी माँ के राज दुलारा।।

कलयुग में हैं अजर अमर,
पल भर में संकट को हरते।
दिन मंगल इनको अति प्रिय है,
सबका प्रभु मगंल हैं करते।

अतुलित बल के सागर हैं ,
लंका को पल में ख़ाक किया।
उपकार विभीषण का करि ,
कपि रावण का बंटाधार किया।।

जब व्याकुल थे श्रीराम प्रभु ,
लक्ष्मण को शक्ति बाण लगा।
औषधि संजीवनि कपि लाए,
भईया लक्ष्मण का प्राण बचा।।

वरदान दिया माँ सीता ने सुत,
अजर अमर तुम रहो सदा ,
बल बुद्धि ,विद्या के दाता हैं।
भक्तों पर करते कृपा सदा।।

चंचल स्वभाव हुनुमत का है ,
कपि कौतुक करते रहते हैं ।
सेन्दूर लाल इनको प्रिय है ,
श्रीराम ह्रदय में बसते हैं !

कवि अरविन्द शर्मा अजनबी
लखनऊ उत्तर प्रदेश

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