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सजग एवं सतर्क रहते हुए मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार तैयार रहने का दिया निर्देश

खगड़िया सदर: माननीय मुख्यमंत्री, बिहार श्री नीतीश कुमार ने सभी जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों के साथ संभावित बाढ़ व सुखाड़ की तैयारियों के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षात्मक बैठक की। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को सजग एवं सतर्क रहते हुए आपदा प्रबंधन विभाग, बिहार द्वारा निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया के अनुरूप बाढ़ अथवा सुखाड़ के दौरान राहत एवं बचाव कार्य चलाने हेतु आवश्यक तैयारियां पूरी रखने का निर्देश दिया। बैठक में खगड़िया जिलाधिकारी डॉक्टर आलोक रंजन एवं पुलिस अधीक्षक श्री अमितेश कुमार भी सम्मिलित हुए।संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ की समीक्षा बैठक के दौरान सभी विभागों यथा भारतीय मौसम विज्ञान केंद्र, आपदा प्रबंधन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पशुपालन एवं मत्स्य विभाग, कृषि विभाग, जल संसाधन विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, पथ निर्माण विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, लघु जल संसाधन विभाग आदि ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से संभावित बाढ़ एवं सूखा के संबंध में विभागीय तैयारियों के संबंध में माननीय मुख्यमंत्री को अवगत कराया। माननीय मुख्यमंत्री ने आवश्यकतानुसार पिछले वर्षों के बाढ़ के अनुभवों को देखते हुए महत्वपूर्ण बिंदुओं की ओर सभी का ध्यान आकृष्ट कराया एवं सभी तैयारियां पूरी करते हुए सजग एवं सतर्क रहने का निर्देश दिया।इस वर्ष बिहार में सामान्य मानसून रहने का पूर्वानुमान भारत मौसम विज्ञान केंद्र ने दिया है। अगले 1 सप्ताह में तापमान में सामान्य से 2 से 4% की कमी आएगी। ‌ बिहार में 13 जून को मानसून पूर्णिया के रास्ते प्रवेश करने की उम्मीद है।मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार ड्राई राशन पैकेट, पॉलिथीन सीट का वितरण, कम्युनिटी किचन, राहत शिविर इत्यादि की तैयारी पूरी रखने का निर्देश दिया गया। बाढ़ आश्रय स्थल में शौचालय, पेयजल, रोशनी की व्यवस्था एवं मेडिकल कैंप की उचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया। कोविड की जांच भी करने का निर्देश दिया गया। निजी नामों के साथ इकरारनामा करने एवं गत वर्ष का भुगतान नाविकों को करने का निर्देश दिया गया। क्षतिग्रस्त मकानों के लिए गृह क्षति अनुदान, एसडीआरएफ की टीमों की संख्या बढ़ाने, कृषि इनपुट अनुदान का वितरण, आकस्मिक फसल योजना का सूत्रण, सुखाड़ की स्थिति में डीजल अनुदान योजना के क्रियान्वयन के संबंध में भी आवश्यक निर्देश दिया गया।बैठक में भूमिगत जल स्तर की स्थिति, भूजल स्तर के आलोक में संवेदनशील पंचायतों की निगरानी, शहरी क्षेत्रों में नाला उड़ाही, अशक्त वर्गों की पहचान एवं उनके सुरक्षित निष्कासन की व्यवस्था, बोट एंबुलेंस, टीकाकरण, ग्रामीणों पथों एवं पुल-पुलिया के पुनर्स्थापना एवं मरम्मति कार्य, जल जीवन हरियाली के सार्थक परिणाम, चापाकल मरम्मति अभियान इत्यादि की भी समीक्षा की गई।समीक्षा बैठक में नदियों में गाद की समस्या और उससे जनित बाढ़ के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई। राष्ट्रीय गाद प्रबंधन नीति बनाने की मांग बिहार सरकार 2010-11 से ही कर रही है। माननीय मुख्यमंत्री ने कहा कि गाद पर गहराई से अध्ययन कर नीति बनाने की आवश्यकता है। बाढ़ से बचाव हेतु गाद अथवा सिल्ट की निकासी के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। ‌माननीय मुख्यमंत्री ने चौर क्षेत्र के विकास के लिए भी कार्य करने का निर्देश दिया।माननीय मुख्यमंत्री ने प्रत्येक जिले में बाढ़ एवं सुखाड़ की तैयारियों के संबंध में प्रमंडलवार जिलाधिकारियों से जानकारी ली एवं विशेष कार्यों के संबंध में उनका सुझाव भी प्राप्त किया।जिलाधिकारी खगड़िया ने माननीय मुख्यमंत्री महोदय को खगड़िया जिले में बाढ़ एवं सुखाड़ के तैयारियों के संबंध मे अवगत कराते हुए बताया कि तटबंध एवं जमींदारी बांधों पर कटाव निरोधक एवं सुरक्षात्मक कार्य कराया जा रहा है। कराये जा रहे कार्यों का निरीक्षण भी जिलाधिकारी सहित वरीय पदाधिकारियों द्वारा किया जा रहा है। इस वर्ष 18 जगहों पर कार्य किया जा रहा है। सोनमनखी का सुरक्षात्मक बांध का कार्य समाप्त हो गया है। जिले में सामान्य से ज्यादा वर्षापात अभी तक हुआ है। खगड़िया में आवश्यक सामग्रियों एवं पशु चारा का दर निर्धारित कर दिया गया है। मानक संचालन प्रक्रिया के अनुरूप मानव दवा एवं पशु दवा जिले में उपलब्ध है। पिछले वर्ष अनुग्रह अनुदान की राशि 53 हजार से ज्यादा परिवारों को बाढ़ के दौरान अंतरित की गई थी। जिले में 137 जगहों पर शरण स्थली को चिन्हित किया गया है। ग्रामीण कार्य विभाग की सड़कों की मरम्मति कराई जा रही है और इसे ससमय पूरा कर लिया जाएगा। नाविकों का भुगतान भी जल्द ही पूर्ण हो जाएगा। एसडीआरएफ की टीम के आवासन हेतु जगह को चिन्हित कर लिया गया है। खगड़िया में जिला आपातकालीन संचालन केंद्र 24 घंटे कार्यरत है। संभावित बाढ़ अथवा सुखाड़ से निपटने के लिए तैयारी पूरी है।

समीक्षा बैठक के समापन के दौरान माननीय मुख्यमंत्री ने सभी को बाढ़ एवं सुखाड़ के खतरे को देखते हुए सजग रहने का निर्देश दिया। उन्होंने जल संसाधन विभाग, लघु सिंचाई विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग एवं अन्य विभागों को सभी माननीय विधायकों के साथ बैठक करने का निर्देश दिया। जल जीवन हरियाली अभियान के तहत सोख्ता निर्माण के कार्य की जांच का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावितों को राहत एवं मदद देना सरकार का महत्वपूर्ण कार्य है। अगले 4 महीने तक सभी को सजग एवं सतर्क रहना है।

इस समीक्षा बैठक में अपर समाहर्ता, अपर समाहर्ता सह जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, उप विकास आयुक्त, सिविल सर्जन, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, प्रभारी पदाधिकारी आपदा शाखा, बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल एक और दो के कार्यपालक अभियंता, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता, एसडीआरएफ के इंस्पेक्टर सहित अन्य संबंधित व्यक्ति भी जिलाधिकारी वेश्म में मौजूद थे।

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