शिक्षकों ने सीखा, स्मार्ट तरीके से मशीनें कैसे काम करती हैं।
लोकेश झा
समालखा। ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्नीकल एजुकेशन (एआइसीटीई) की ओर से पाइट कॉलेज में स्थापित आइडिया लैब में इंटरनेट ऑफ थिंगस (आइओटी) पर छह दिवसीय कार्यशाला लगाई गई। पानीपत, सोनीपत और करनाल के दस स्कूलों के प्रतिनिधियिों ने इसमें भाग लिया। शिक्षकों ने इन छह दिनों में आइडिया लैब में सीखा कि किस तरह से स्मार्ट तरीके से मशीनों को चलाया जा सकता है। आर्टिफिशल इंटेलीजेंस से कैसे काम को आसान किया जा सकता है। पाइट के चेयरमैन हरिओम तायल, सचिव सुरेश तायल, वाइस चेयरमैन राकेश तायल प्रतिभागियों का स्वागत किया। सभी शिक्षकों को प्रयोग करने के लिए आइओटी किट दी गई।निदेशक प्रो.डॉ.शक्ति कुमार ने कहा कि जब तक हम नए आइडिया पर काम नहीं करेंगे, पेटेंट पर फोकस नहीं करेंगे, तब तक विकसित देशों की श्रेणी में नहीं आ सकेंगे। अमीर देश और अमीर होते जा रहे हैं, गरीब देश और गरीब होते जा रहे हैं। इसकी वजह है कि गरीब देश नवाचार नहीं करते। रचनात्मकता नहीं करते। चीन, अमेरिका और जापान जैसे देश लाखों पेंटेंट कराते हैं, उन पर काम करते हैं। इस वजह से आगे निकल जाते हैं। लैब कोर्डिनेटर डॉ.अंजू गांधी ने बताया कि किस तरह सामान्य चिप लगाकर पंखे को घर से दूर रहकर ऑपरेट कर सकते हैं। लाइट को नियंत्रण कर सकते हैं। डॉ.सुनील ढुल ने कहा कि वर्कशॉप के माध्यम से शिक्षकों को जागरूक किया जा रहा है, ताकि वे स्कूलों में बच्चों को इन सबके बारे में पढ़ा सकें। उन्हें नए आइडिया के लिए प्रेरित कर सकें। इसी तरह बच्चों को भी लैब में सिखाने का प्रयास किया जा रहा है। एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.शक्ति नागपाल ने भी विचार व्यक्त किए। शिक्षकों ने खुद भी प्रोजेक्ट बनाकर आइओटी के बारे में समझा। राजकीय पॉलटेक्नीक कि 75 बच्चों को भी आइडिया लैब दिखाई गई। सोनीपत से ब्राइट स्कॉलर सीनियर सेकेंडरी स्कूल, पानपीत से एमएएसडी पब्लिक स्कूल, पाइट संस्कृति स्कूल, पाइट एनएफएल स्कूल, दयाल सिंह स्कूल, डॉ.एमकेके आर्य मॉडल स्कूल, आइबीएल स्कूल, हरे कृष्णा स्कूल, कैंब्रिज फील्ड ग्लोबल स्कूल के प्रतिनिधि पहुंचे। इस अवसर पर आइडिया लैब गुरु राजीव ढांडा, इशांत कुमार, अभिषेक शर्मा, सतपाल मौजूद रहे।