वैश्य समाज के युवा जागें और बृज बिहारी जी के सपने को करें साकार – डॉ अरविन्द वर्मा, चेयरमैन

खगड़िया(इंदु प्रभा): बिहार सरकार के पूर्व विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री चौधरी जो बिहार वैश्य समाज के प्रखर नेता थे की 24 वीं पुण्य तिथि की पूर्व संध्या पर कलवार सेवक समाज एवं वणिक कल्याण परिषद् के चेयरमैन डॉ अरविन्द वर्मा ने मीडिया से बातचीत में कहा वैसे तो बृज बिहारी प्रसाद आरजेडी पार्टी में थे लेकिन उनकी पकड़ एवं अच्छे संबंध दूसरी पार्टी के नेताओं से भी था। बृज बिहारी जी के नेतृत्व में पटना के गांधी मैदान में आयोजित बिहार वैश्य सम्मेलन ऐतिहासिक बनकर रह गया। उनके इस संसार से जाने के बाद आज तक वैसा वैश्य सम्मेलन बिहार में नहीं हो सका। तब से लेकर आज तक वैसा निडर नेतृत्व कर्ता नेता वैश्य समाज को बिहार में नहीं मिला। आगे डॉ वर्मा ने कहा बृज बिहारी जी जांबाज एवं दलितों, पिछड़ों एवं अकलियतों के शुभचिंतक थे। डॉ वर्मा ने बीते पलों को याद दिलाते हुए कहा कटिहार ज़िला मुख्यालय में कलवार समाज का एक विशाल सम्मेलन का आयोजन किया गया था, जिसका मंच संचालन मैंने किया था और बिहार सरकार के मंत्री बृज बिहारी प्रसाद जी सम्मेलन का उद्घाटन किए थे। उन्होंने अपने उद्घाटन भाषण में कहा था महिलाओं की उपस्थिति पुरुषों से ज्यादा देखकर मुझे काफ़ी प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने महिलाओं से अपील करते हुए कहा था अपने अपने पति से कहें गद्दी छोड़ो और राजगद्दी हासिल करो तभी वैश्य का कल्याण होगा। डॉ वर्मा ने कहा उस सम्मेलन में कई वैश्य मंत्री और नेता भी मौजूद थे। डॉ वर्मा ने कहा उनके निधन के बाद उनकी पत्नी रमा देवी और उनके भाई श्याम प्रसाद बिहारी भी राजनीति में आए और दोनों बिहार सरकार में मंत्री भी रहे पर बिहार के वैश्यों की न तो एकजुटता रही और न संगठन को ही मजबूती मिली। आज वैश्य संगठनों में बिखराव है, नतीजतन बिहार में वैश्य समुदाय का हर क्षेत्रों में शोषण हो रहा है। हालांकि, बृज बिहारी प्रसाद की पत्नी रमा देवी बीजेपी सांसद ( शिवहर) हैं, वैश्य समाज के लोग उनसे सहयोग लेने के लिए लालसा पाल रखे हैं। डॉ वर्मा ने कहा मरहूम बृज बिहारी प्रसाद के प्रति भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा आज, आवश्यकता है बिहार में बिखरे हुए वैश्य समाज को एकजुट करने वाले मसीहा की। डॉ वर्मा ने कहा बिहार के वैश्य समाज के युवा जगें और बृज बिहारी जी के सपने को साकार करने में अपना तन, मन और धन लगाएं।

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