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विकासात्मक कार्यों का निरीक्षण किया, लाभुकों एवं ग्रामीणों से बातचीत कर उनका फीडबैक प्राप्त किया

खगड़िया सदर : जिलाधिकारी डॉक्टर आलोक रंजन घोष ने अलौली प्रखंड के सुगरकोल पुल सहित आनंदपुर मारन एवं शहरबन्नी पंचायत में बिहार सरकार द्वारा संचालित विभिन्न विकासात्मक कार्यों का निरीक्षण किया, लाभुकों एवं ग्रामीणों से बातचीत कर उनका फीडबैक प्राप्त किया एवं संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान उप विकास आयुक्त श्री संतोष कुमार, प्रखंड विकास पदाधिकारी अलौली श्री मनीष कुमार एवं अन्य पदाधिकारी के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीण मौजूद थे।जिलाधिकारी ने सोनमनखी के पास निर्मित सुगरकोल पुल का निरीक्षण किया एवं इस पर काफी समय बिताया। ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा अलौली प्रखंड में यह पुल बनाया गया है और इस पर गाड़ियों की आवाजाही प्रारंभ हो गई है। पुल का एप्रोच रोड जिलाधिकारी को निरीक्षण के दौरान मजबूत नहीं प्रतीत हुआ और जिलाधिकारी ने इसको ठीक कराने का निर्देश ग्रामीण कार्य विभाग के अभियंताओं को दिया।

जिलाधिकारी ने पाया कि पुल के ऊपर 11,000 वोल्ट का हाईटेंशन तार गुजर रहा है। ग्रामीणों ने भी शिकायत की कि तार की वजह से ट्रैक्टर एवं अन्य बड़े वाहनों को गुजरने में भय बना रहता है। जिलाधिकारी ने इसको संज्ञान में लिया और इस पर आवश्यक कार्रवाई कराने का आश्वासन ग्रामीणों को दिया।

जिलाधिकारी इसके बाद ग्रामीण सड़कों से गुजरते हुए आनंदपुर मारन के सरबजीता गांव में पहुंचे, जो सहरसा जिला के सीमा पर स्थित था। जिलाधिकारी ने वहां वार्ड नंबर 19 में नल जल योजना की जांच की। ग्रामीणों ने पानी की आपूर्ति के संबंध में शिकायत की, जिस पर जिलाधिकारी ने लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण संगठन के कार्यपालक अभियंता को आवश्यक निर्देश दिए।

सरबजीता में 26 लोगों को इस वर्ष बासगीत पर्चा निर्गत किया गया है। इन लोगों को ग्रामीण आवास योजनाओं का लाभ देने के लिए जिलाधिकारी ने प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देश दिया‌। 12 लोगों को तत्काल ग्रामीण आवास योजनाओं का लाभ दिया जा सकता है।

सरबजीता में लोगों ने सड़क की समस्या जिलाधिकारी के समक्ष रखते हुए कहा कि सीमा पर 100 मीटर सड़क नहीं बनने की वजह से सहरसा आने जाने में परेशानी होती है। कुछ लोगों ने पुल बनाने की मांग भी रखी जबकि कुछ लोगों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि पुल बनाने से उनके घर कट जाएंगे।

 

जिलाधिकारी इसके बाद झीमा पहुंचे जहां ग्रामीणों ने प्राथमिक विद्यालय में छात्रों को मीनू के हिसाब से मध्याह्न भोजन नहीं मिलने की शिकायत करते हुए बताया कि यहां रोज खिचड़ी ही बनाया जाता है। जिलाधिकारी के वहां पहुंचने के समय विद्यालय बंद हो चुका था। जिलाधिकारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को प्राप्त शिकायत के संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया।इसके बाद जिलाधिकारी बांध के रास्ते होते हुए शहर बन्नी पंचायत पहुंचे और वहां स्वास्थ्य उपकेंद्र के लिए चिन्हित भूमि का निरीक्षण किया। कुछ ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को बताया कि इस जमीन के लिए बासगीत पर्चा कटा हुआ है। जिलाधिकारी ने अंचलाधिकारी अलौली से बात कर समाधान निकालने का निर्देश दिया। बासगीत पर्चा वितरण के लिए भी जमीन की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने ग्रामीणों से पंचायत सरकार भवन के निर्माण के लिए उपयुक्त स्थल के संबंध में भी जानकारी ली कि किस जगह पंचायत सरकार भवन को बनाया जाए। ग्रामीणों द्वारा सुझाए गए स्थल पर पंचायत सरकार भवन के निर्माण के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए जिलाधिकारी ने जिला पंचायती राज पदाधिकारी को फोन पर निर्देश दिया।

जिलाधिकारी ने शहरबन्नी पंचायत के वार्ड नंबर 9 में नल जल योजना की जांच की। उन्होंने पंप संचालक द्वारा संधारित लॉग बुक शिकायत पुस्तिका एवं अन्य पंजियों का निरीक्षण भी किया। लोगों से बातचीत के दौरान जिलाधिकारी को बिजली नहीं रहने की वजह से योजना के नियमित संचालन में कठिनाई के बारे में ज्ञात हुआ, जिसे उन्होंने संज्ञान में लिया।

फिर जिलाधिकारी ने बासगीत परचा के आधार पर लंबे समय से बसे हुए कुछ लोगों के आवासों का निरीक्षण किया, जिसमें भूमि के किस्म में नदी लिखा हुआ था। भूमि का किस्म बदल जाने के कारण जिलाधिकारी ने इस पर उचित निर्णय लेने एवं अन्य स्थलों पर लोगों को बसाने के लिए जमीन देखने का निर्देश दिया।

जिलाधिकारी ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अंतर्गत निर्मित एवं निर्माणाधीन आवासों का भी निरीक्षण किया एवं लाभुकों से फीडबैक प्राप्त किया। जिलाधिकारी ने आवास निर्माण हेतु विभिन्न किस्तों की प्राप्ति, आवास निर्माण में लगने वाले समय एवं गुणवत्ता के संबंध में ग्रामीणों से बातचीत कर फीडबैक लिया। उन्होंने आवास निर्माण हेतु मनरेगा के तहत प्राप्त होने वाले मजदूरी भुगतान के संबंध में भी पूछताछ की। कुछ ग्रामीणों ने पक्की नली गली के टूटने के संबंध में भी जिलाधिकारी के समक्ष शिकायत प्रस्तुत की।

फिर जिलाधिकारी वार्ड नंबर 5 में ठाकुरबारी के पास पहुंचे, जहां लोगों ने कब्रिस्तान को जोड़ने के लिए एक सड़क के निर्माण की मांग रखी। लोगों ने कहा कि यदि रास्ता निकाला जाए, तो ये रास्ता मोहरा घाट, चेराखेरा पंचायत और ओरा, मेघौना इन दोनों स्थलों को जोड़ देगा और वहां जाने के लिए कम दूरी तय करनी पड़ेगी। जिलाधिकारी ने उप विकास आयुक्त को इस सड़क की उपयुक्तता की जांच कराने का निर्देश दिया।

उन्होंने शहर बन्नी में पैदल भ्रमण करते हुए लोगों की विभिन्न समस्याओं को भी सुना। ग्रामीण सड़कों का भी निरीक्षण किया एवं स्थानीय लोगों से इनके गुणवत्ता के संबंध में फीडबैक प्राप्त किया।जिलाधिकारी ने सामाजिक सुरक्षा के तहत सरकार द्वारा वृद्धजनों, विधवाओं एवं दिव्यांगजनों को प्रदान किए जा रहे पेंशन के संबंध में भी स्थानीय वृद्धाओं, विधवाओं एवं दिव्यांगजनों से फीडबैक प्राप्त किया।

जिलाधिकारी फूलतोड़ा घाट भी गए, जहां लोगों ने नदी के ऊपर पुल बनाने की मांग रखी एवं ईट सोलिंग से निर्मित सड़क को पक्का करने की मांग प्रस्तुत की।जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान जनता एवं लाभुकों से प्राप्त फीडबैक के आलोक में विभिन्न योजनाओं में पाई गई त्रुटियों को दूर करने का निर्देश संबंधित पदाधिकारियों को दिया गया।आज भी अपर समाहर्ता, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, जिला परिवहन पदाधिकारी सहित अन्य जिला स्तरीय पदाधिकारियों, प्रखंड विकास पदाधिकारियों एवं अंचल अधिकारियों ने भी विभिन्न पंचायतों में विकासात्मक कार्यों का स्थलीय निरीक्षण कर स्थानीय जनता से फीडबैक प्राप्त किया। स्थलीय जांच के दौरान जनता एवं लाभुकों से प्राप्त फीडबैक के आलोक में निरीक्षण प्रतिवेदन निर्धारित पोर्टल पर अपलोड किया गया।

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