रजौन (बांका): राजणेश्वर नाथ धाम परिसर में चल रहे शिवशक्ति महारुद्र में कथावाचक आगमानंद महाराज ने राम-जानकी विवाह का प्रसंग सुनाया। राम-जानकी प्रसंग सुन पूरा पंडाल झूम उठा। कथा में बताया कि सीता स्वयंवर पर प्रत्यंचा च़ढ़ाना कोई सरल कार्य नहीं था। राम ने जनकपुर के स्वयंवर में अपनी वीरता दिखाई और जिस धनुष को राजा महाराजा हिला नहीं सकें उस धनुष उठाकर रामजी ने सीता से विवाह किया। उन्होंने कहा कि जनकपुर से जब सीताजी की विदाई हुई तब उनके माता-पिता ने उन्हें ससुराल में कैसे रहना है इसकी सीख दी। प्रत्येक माता-पिता को अपनी पुत्री के विवाह के समय ऐसी ही सीख देनी चाहिए। कन्या को ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे ससुराल व मायका दोनों कुल कलंकित हो। इधर, छठे दिन मंगलवार को श्रद्धालुओं ने यज्ञ मंडप की परिक्रमा कर उक्त जगह स्थापित विभिन्न प्रकार के देवी देवताओं की प्रतिमा का पूजा अर्चना किया। जय श्री राम और हर हर महादेव की आवाजों से यज्ञ परिसर गूंजामय हो रहा है। वृंदावन से आए नन्हे एवं बड़े कलाकारों द्वारा भव्य झांकियां प्रस्तुत कर श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर रहा है। इस दौरान कौशल किशोर द्वारा लक्ष्मण परशुराम संवाद का लीला किया गया। लक्ष्मण परशुराम के तीखे संवाद को श्रद्धालुओं ने खूब सराहा। सरकार अयोध्या द्वारा राम जानकी विवाह महोत्सव को लेकर आकर्षक झांकियां प्रस्तुत की गई। यजमान सह अध्यक्ष बास्कीनाथ सिंह, कोषाध्यक्ष राजू साह, सचिव प्रदीप सिंह, मंच का संचालन कर रहे ओंकार सिंह सहित अन्य थे। इधर देर शाम बांका विधायक रामनारायण मंडल आरती में शामिल हुए।