माहे रमजान के तीसरे जुमा पर मस्जिदों में नमाजियों की उमड़ी भीड़, देश में अमन चैन के लिए रोजेदारों ने मांगी दुआ।

चौसा मधेपुरा (अनसारआलम) : माहे रमजान के तीसरे जुमा की नमाज मुस्लिम समुदाय के लाेगाें ने शुक्रवार काे अदा की। दोपहर में कड़ी धूप और गर्मी के बावजूद नमाज अदा करने रोजेदार मस्जिद और विभिन्न इबादतगाहों में पहुंचे।

जुमे के नमाज के प्रति नमाजियों में इस कदर उत्साह देखा गया कि वे अजान हाेने से पहले ही मस्जिद पहुंचने लगे थे। वहीं बिहारीगंज भयरोपत्ती के हाफिज गुलामे गोश रजा ने बताया कि रमजान रहमत और बरकत का महीना है। यह सभी महीनों में अफजल है।

उन्होंने कहा कि रोजा आदमी के तन और मन दोनों को शुद्ध करता है। साथ ही बताया कि रोजे के दौरान इंसान को जो कठिनाई होती है और इस कठिनाई को सहकर भी जो रोजा रखता है, उसकी इबादत अल्लाह को पसंद है। इधर रमज़ान के तीसरे जुमा की नमाज़ चौसा के विभिन्न मस्जिदों में अदा की गई।

रमजान के तीसरे जुमा की नमाज़ अदा करते नमाजी
इस अवसर पर उलेमाओं ने रमजानुल मुबारक की फजीलत पर रोशनी डालते हुए करीब आधा घंटा तकरीर किया। हाफिज ने फितरा और जकात की राशि जरूरतमंदों के बीच बाटने की बात कही।

हाफिज गुलामे गोश रजा ने बताया कि रमजान में राेजा रखने के साथ नमाज और कुरान पढ़ना जहां इबादत का जरूरी हिस्सा है, वहीं रमजान में राेजे नमाज के बाद सबसे ज्यादा जरूरी है जकात देना। जकात हर उस मुसलमान पर फर्ज है जिसके पास साढ़े 52 ताेला चांदी या साढ़े सात ताेला साेना है। इसके अलावा सालना बचत का ढाई फीसदी हिस्सा दान करना जरूरी है।

गौरतलब है कि जकात के अलावा रमजान में फितरा भी अदा किया जाता है। उलेमाओं ने इस बार 50 रुपया फितरा निकालने का ऐलान किया है। इधर जिले के विभिन्न इबादतगाहों में नमाजियों की भीड़ देखी गई। जमा मस्जिद चौसा, सोनवर्षा, फुलौत, अरजपुर, लौआलगान, पैना, चंदा, मोरसंडा, केलाबारी, कलाशन, समेत कई मस्जिदों में निर्धारित समय पर नमाज अदा की गई। नमाज़ के बाद सभी मस्जिदों में मुल्क में अमन चैन और तरक्की के लिए सामूहिक दुआ भी की गई।

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