मानव जीवन को सुखद बनाने के लिए सत्संग जरूरी-स्वामी श्री रामानंद शास्त्री जी महाराज

 

 

मधेपुरा/(अनसार आलम): चौसा प्रखंड के लौआगान खोपडिया में एक दिवसीय संतमत सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सत्संग में मुख्य प्रवक्ता के रूप में महर्षि मेँहीँ निर्द्वन्द अखाड़ा सेवाधाम कहलगाँव से पधारे आचार्य महामण्डलेश्वर परम पूज्य स्वामी श्री रामानंद शास्त्री जी महाराज ने संबोधित करते हुए कहा कि मानव जीवन में सत्संग की बड़ी आवश्यकता है। हमारे जीवन में सत्संग को अपनाए बिना सुख, शांति की कल्पना नहीं की जा सकती। सत्संग की महिमा की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि महर्षि मेंही सत्संग को अपना श्वांस कहते थे। बड़े भाग्य से मनुष्य का शरीर मिलता है और मनुष्य के शरीर में पूर्व जन्म के पुण्य के अनुसार ही सत्संग की प्राप्ति होती है। सत्संग के माध्यम से हम मोक्ष को पाने का रास्ता पाते हैं। वहीं स्वामी श्री रविन्द्र बाबा ने कहा कि सत्संग से इहलोक और परलोक दोनों को संवारा जा सकता है। इसके लिए हम लोगों को दुआ दें। इसके लिए पंच पापों से अपने जीवन को बचाना होगा। सत्संग, ध्यान और गुरु के प्रति समर्पण करना होगा।उन्होंने कहा कि सत्संग की बड़ी महिमा है। सत्संग से सुख की वर्षा होती है। लोग सच्चाई के रास्ते पर चलने के लिए सत्संग में सीखते हैं। इसलिए सत्संग का आयोजन मानव समाज को मानवता का पाठ भी समय-समय पर पढ़ाता है। सत्संग कार्यक्रम को स्वामी श्री अनिल बाबा संतोष बाबा, स्वामी श्री गणेशानंद बाबा ,धर्मेन्द ब्रह्मचारी आदि ने भी संबोधित की।मौके पर आयोजक संतोष कुमार, मंतोष कुमार, सुमन कुमार, सुनिल कुमार, छविन्दर सिंह (शिक्षक) उपेन्दर राम, प्रेमलाल भगत,भूमेश्वर सिंह,उमेश राम,संतलाल सिंह,पवन कुमार,गीता शर्मा, सुधिर भगत, राजेन्द्र शर्मा, रूपन भगत, अमित कुमार, सुधांशु कुमार समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे।

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