बांका(दिलावर अंसारी):भीषण गर्मी से जहां आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है वहीं, मवेशियों पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है। इसमें सबसे अधिक असर धूप में दिन भर चरने वाले पशुओं पर पड़ता है। ऐसे गर्मी में पशुओं को लू एवं तापमान से बचाने के लिए पशुपालन विभाग द्वारा पशुपालकों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
ज्ञात हो कि बुधवार को अधिकतम तापमान 41 और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रहा है। इस कारण दोपहर में तेज धूप के कारण सड़कें सुनसान रही। इक्के दुक्के लोग ही घरों से निकले। जिले के दक्षिण क्षेत्र के पहाड़ी क्षेत्र में पशुओं के लिए चारे की समस्या उत्पन्न हो जाती है। ऐसे में वहां के किसान जिले के पूर्वी भाग में अपने पशुओं का पेट पालने के लिए चले आते हैं लेकिन अब यहां भी पशुओं को पीने के पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है। ऐसे में अब बहुत ही कम पशुपालक अपने पशुओं को ला रहे है। जिला पशुपालन पदाधिकारी डा. राणा दिग्विजय सिंह ने बताया कि अभी काफी भीषण गर्मी पड़ रही है। ऐसे में पशुओं को इस गर्मी से बचाने की आवश्यकता है। इसमें लापरवाही बरतने से पशु को लू लग सकता है। लू से ग्रस्त होने पर तेज बुखार हो जाता है और पशु सुस्त होकर खाना पीना बंद कर देता है। कभी-कभी नाक से खून भी बहने लगता है। ऐसे में पशुओं को धूप से बचाने की आवश्यकता है। गर्मी के मौसम में पशुओं को हरा चारा अधिक खिलाएं। पशु में बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सक से संपर्क कर सकते है। इससे पशुपालक को होने वाली हानी से बच सकते हैं।