नेटवर्क डेस्क/(रितेश राज वर्मा)।2014 लोकसभा चुनाव में हार के बाद से कांग्रेस के प्रदर्शन में लगातार गिरावट व चुनौतियों से निपटने के लिए कांग्रेस ने रणनीतिकार प्रशांत किशोर से हाथ मिलाया है.जंयके अनुसार प्रशांत किशोर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत कई बड़े नेताओं के साथ बैठक कर चुके हैं.
वहीं प्रशांत किशोर ने 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन कैसे बेहतर किया जा सकता है, इसे लेकर प्रेजेंटेशन भी दिया है. प्रशांत किशोर के इस पूरे प्लान का ब्लू पॉइंट सामने आ गया है. बताया जा रहा है कि प्रशांत किशोर ने सोनिया गांधी को ये पीपीटी जून 2021 में सौंपी थी.
आजतक के पास प्रशांत किशोर के प्लान की Exclusive कॉपी है. उन्होंने प्रेजेंटेशन की शुरुआत महात्मा गांधी के कोट
से की है. यानी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को कभी मरने नहीं दिया जा सकता, यह सिर्फ राष्ट्र के साथ मर सकती है.
पीके यानी प्रशांत किशोर ने अपने प्रेजेंटेशन में भारत की जनसंख्या, वोटर, विधानसभा सीटें, लोकसभा सीटों तक के आंकड़े पेश किए हैं. इतना ही नहीं उन्होंने महिलाओं, युवाओं, किसान और छोटे व्यापारियों की संख्या तक का जिक्र किया है. इसमें 2024 में 13 करोड़ फर्स्ट टाइम वोटरों पर भी फोकस किया गया है.
जानें,पीके ने बताई कांग्रेस की मौजूदा स्थिति
प्रशांत किशोर ने अपने प्रेजेंटेशन में बताया अभी कांग्रेस के राज्यसभा और लोकसभा में 90 सांसद हैं. विधानसभाओं में 800 विधायक हैं. इतना ही नहीं कांग्रेस की तीन राज्यों में सरकार है. 3 में कांग्रेस सहयोगी दलों के साथ सरकार में है. वहीं, 13 राज्यों में कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल है. इतना ही नहीं 3 राज्यों में कांग्रेस सहयोगियों के साथ मुख्य विपक्षी है.
पीके ने अपनी प्रेजेंटेशन में बताया कि 1984 के बाद कैसे कांग्रेस का वोट% लगातार घटा है.
ये भी जानें,पीके ने बताया कि कांग्रेस को मजबूत करने के लिए 5 रणनीतिक कदम उठाने होंगे.
1- नेतृत्व के मुद्दे को हल करना होगा
2- गठबंधन से जुड़े मुद्दे को सुलझाना होगा
3- पार्टी के पुराने सिद्धांतों पर लौटना होगा
4- जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं और नेताओं की फौज बनानी होगी
5 -कांग्रेस के कम्युनिकेशन सिस्टम में बदलाव करने की जरूरत
बोले,पीके – कैसा होना चाहिए नेतृत्व
गठबंधन को लेकर कैसा हो कांग्रेस का प्लान
पीके ने गठबंधन को लेकर 3 स्थितियों का जिक्र किया है. पहली स्थिति में कांग्रेस पूरे देश में सिर्फ अकेले चुनाव लड़े. दूसरी स्थिति में कांग्रेस बीजेपी और मोदी को हराने के लिए सभी पार्टियों के साथ आए और यूपीए को मजबूत किया जाए. तीसरी स्थिति ये है कि कुछ जगहों पर कांग्रेस अकेले चुनाव लड़े और कुछ जगहों पर सहयोगियों के साथ मिलकर लड़े. इस दौरान कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी की छवि को भी बरकरार रखे.वहीं कांग्रेस में मंथन का दौर शुरु है।