बांका(दिलावर अंसारी):बीपीएससी की परीक्षा में 44 फीसद परीक्षार्थी रह गए अनुपस्थितबीपीएससी की परीक्षा में 44 फीसद परीक्षार्थी रह गए अनुपस्थितबांका : 67वीं बीपीएससी पीटी की परीक्षा रविवार को बांका में 18 केंद्रों पर शांतिपूर्ण संपन्न हुई। परीक्षा में करीब आधा परीक्षार्थी अनुपस्थित रह गए। उपस्थित परीक्षार्थी का प्रतिशत 56 रहा, जबकि 44 प्रतिशत परीक्षार्थी विभिन्न कारणों से परीक्षा में उपस्थित नहीं हुए। इसकी बड़ी वजह परीक्षा केंद्र दूर के जिलों में बनाया जाना भी रहा। दूसरी बात की परीक्षा का प्रश्न वायरल रहने की बात सुबह से हवा में रही। परीक्षा केंद्र के बाहर जमे परीक्षार्थी दो घंटे पहले से मोबाइल सेट पर जमे रहे। इसने कुछ सवाल भी खड़े किए। वायरल आंसर के पूछे गए प्रश्नों से मेल करने की किसी ने पुष्टि नहीं की। शाम तक परीक्षा रद करने और इसकी जांच की मांग की खबरें भी हवा में रही। अपर समाहर्ता सह परीक्षा के सह संयोजक माधव कुमार सिंह ने परीक्षा के शांतिपूर्ण समापन की बात कही है। उन्होंने बताया कि परीक्षा में 7050 परीक्षार्थी को उपस्थित होना था। मगर इसमें 39 सौ 56 परीक्षार्थी ही उपस्थित हुए। तीन हजार से अधिक परीक्षार्थी अनुपस्थित रह गए। परीक्षा के लिए एक दिन पहले से परीक्षार्थी का बांका सहित आसपास के केंद्र वाले बाजारों में जुटान शुरु हो गया था। परीक्षा दोपहर 12 बजे से शुरू हुई, मगर केंद्रों पर परीक्षार्थी का जुटान सुबह 10 बजे से ही शुरू हो गया था। बांका के अलावा बाराहाट, रजौन, बौंसी, कटोरिया में परीक्षा केंद्र बनाया गया था।
बिहार बजट और अर्थशास्त्र के प्रश्नों ने उलझाया
परीक्षा देकर निकले छात्र सबसे अधिक वायरल प्रश्नों पर आक्रोशित दिखे। आरएमके के बाहर गोपालगंज के कुछ छात्रों ने बताया कि प्रश्न ठीक था। पूर्व ही तरह इतिहास से सर्वाधिक सवाल पूछा गया था। छात्रों ने बिहार के इस बजट की तैयारी की। मगर सवाल पिछले बजट से पूछ दिया गया। अर्थशास्त्र और राजनीति के प्रश्न भी इस बार नए तरीके से पूछे गए। एसएस बालिका के सामने पटना के कुछ छात्रों ने बताया कि बिहार में परीक्षा का मजाक बन गया है। बोर्ड से लेकर बीपीएससी तक का हर प्रश्न परीक्षा से पहले वायरल हो जाता है। यह मेधावी छात्रों के करियर से मजाक के सिवा कुछ नहीं है। बांका की छात्राओं का केंद्र बांका में ही बनाया गया था। इससे छात्रा परीक्षार्थी की उपस्थिति अच्छी रही। उनके अभिभावकों की भीड़ हर केंद्र के बाहर लग्जरी वाहनों की कतार से समझ आई।