पोलियो खुराक पिलाने के लिए करना पड़ा घंटो मशक्कत
जगदूत न्यूज चौसा मधेपुरा से मोहम्मद अनसार आलम की रिपोर्ट
मधेपुरा जिला के चौसा पश्चमि पंचायत के चौसा मुख्य बाजार में एक ओर जहाँ दुनियां कोविड 19 जैसी वैश्विक महामारी से जूझ रही थी और टीकाकरण पर निगाहें टिकी हुई थी वहीं दूसरी ओर आज भी लोग पोलियो की दवा पिलाने से बच रहे हैं। ऐसा ही मामला गुरुवार को चौसा प्रखंड मुख्यालय स्थित चौसा बाजार में सामने आया। जहां एक परिवार ने बच्चों को पोलियो की दवा पिलवाने से इनकार कर दिया। इस पर टीम ने चिकित्सा पदाधिकारी चौसा को अवगत कराया।
सूचना मिलते ही प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ ज्ञानरंजन कुमार, स्वास्थ्य प्रबंधक मो शहनवाज,सामाजिक शैक्षणिक कल्याण संघ के सचिव सह साहित्यकार संजय कुमार सुमन, चौसा पश्चिमी मुखिया प्रतिनिधि संजय यादव,स्वास्थ्य कर्मी नवनीत कुमार, गोपाल सिंह न मौके पर पहुंचकर कैलाश गुप्ता एवं उनके पुत्र लालू गुप्ता को समझाया, तब जाकर वह पोलियो की दवा पिलाने के लिए तैयार हुए।वर्तमान में पोलियो के समूल नाश के लिए दो बूंद जिंदगी की अभियान के तहत घर-घर जाकर जन्म से पांच साल तक के बच्चों को पोलियो की ड्राप पिलाई जा रही है। आज गुरुवार को पोलियो की दवा पिलाने के लिए टीम चौसा बाजार पहुंची। यहां अभियान के दौरान कैलाश गुप्ता ने बच्चों को दवा पिलाने से इनकार कर दिया।कैलाश गुप्ता का कहना था कि पिछले बार मेरी गर्भवती पुत्रवधु को कोरोना का वैक्सीन दिया गया।जिसके कारण वो गम्भीर रूप से बीमार हो गई। जब इसकी जानकारी चौसा अस्पताल को दी गई तो किसी ने कोई बात नही समझी।अंत में मुझे निजी अस्पताल में इलाज कराना पड़ा और लाखों रुपये खर्ज करने पड़े।यदि बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई गई और उसे कुछ हो गया तो इसकी जवाबदेही कौन लेगा।दवा नहीं पिलाने पर वर्करों ने इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दी।
जानकारी पर पहुंचे प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ,मुखिया प्रतिनिधि संजय यादव एवं साहित्यकार संजय कुमार सुमन ने परिवार के लोगों को समझाया। इसके बाद अभिभावक मान गए और बच्चों को दवा पिलवाई। उल्लेखनीय है गुरुवार को सघन पल्स पोलियो अभियान के दूसरे चरण में टीम द्वारा छूटे एवं मना करने वाले बच्चों को घर-घर जाकर दवा पिलाई जा रही थी।