पटना ट्रैफिक पोस्ट पर यातायात वाहन चेकिंग के नाम पर हो रहा अवैध वसूली का अड्डा

पटना (सनोवर खान): धनकी अधिकारी आर एन महतो और बिलश कि मिलीभगत से ओवर लोडेड मालबहाक को 50 से 100 रू पीस लेके पर कराया जाता है।

पटना बाईपास जिलों माइल, बाइपास धनकी यातायात पदाधिकारी ,गायघाट पुल के नीचे यातायात अधिकारी चौधरी ,यातायात पोस्ट अधिकारी कुम्हरार,राजेंद्रनगर टर्मिनल ट्राफीक पोस्ट, चिरैयाटांड़ ट्राफीक पोस्ट, कोटवली टी ट्राफीक पोस्ट, हाइकोर्ट ट्राफीक पोस्ट, बोरींग रोड ट्राफीक पोस्ट रमेश यादव ,तपस्या पोस्ट अधिकारी नरेश कुमार प्रसाद ,कुर्जी मोड़ यातायात ट्राफीक पोस्ट पर वाहन चेकिंग के नाम पर अवैध बसूली।

 

यातायात संचालन मुख्य दर्शक बन कर बन बैठी है।
सबसे बड़ी बात यह है कि धनकी मोड बाइपास के पास अवैध रूप से वाहन ट्रक नो पार्किंग में लगा रहता है। लेकिन आला अधिकारी का ध्यान अब तक क्यों नही जी हाँ ये कोई नया बात नही है। सब पैसों का माया है। यातायात अधिकारी गाड़ी पकड़ने के ड्राइविंग लाइसेंस एबं कागजात की करते है मांग। कागज नही दिखाने पर और चालान का लोड दे दिया जाता है। ताकि कुछ बसूली हो सके।

 

यातायत अधिकरी ब्रगेश सिंह की अपनी मनमानी। ना कोई बोलने वाला ना को सुनने वाला। इस लिए अधिकारी कर रहे है अपने मन की काम। ब्रगेश सिंह जैसे भ्रस्ट अधिकारी को संपत्ति की जांच कर कार्रवाई करनी चाहिए सूत्रों के अनुसार हाई कोर्ट ट्राफीक पोस्ट के अधिकारी ब्रगेश सिंह आला अधिकारी के करीबी माने जाते है इसलिए करते है अपनी मनमानी।
राजेंद्रनगर टर्मिनल ट्राफीक पोस्ट, चिरैयाटांड़ ट्राफीक पोस्ट, कोटवली टी ट्राफीक पोस्ट, हाइकोर्ट ट्राफीक पोस्ट, बोरींग रोड ट्राफीक पोस्ट ,कुर्जी मोड़ यातायात ट्राफीक पोस्ट पर वाहन चेकिंग के नाम पर अवैध बसूली।पटना हाई कोर्ट पर सिपाही महिला / पुरुष के द्वारा काटा जाता है चालान। पैसे लेकर मशीन के नीचे हाथ से दवा कर रख लेते है यह फिर चुपके से पैसे पैंट के पैकेट में रख लेते है इन्ही सब मामलों को जब पत्रकार ने अपनी आंखों से देखा तो हाई कोर्ट यातायात अधिकारी ने बताने से किया इनकार। कहा कि आपको जी लिखना है लिख दीजिए हमको कोई फर्क नही पड़ता। ऐसे भी आज तक इतना प्रेस वाला पुलिस के खिलाफ में लिखा तो हमलोगों का क्या हो गया। पटना ट्रैफिक पोस्ट पर हो रहा अवैध वसूली। ईमानदार आला अधिकारी नहीं करते हैं कोई करवाई। पत्रकार की खबर का नहीं है प्रभाव।
पटना शहर के पटना सिटी में पटना सिटी महोत्सब की तैयारी हो चुकी है। सभी तरह के तैयारियां पूरी कर ली गई है, कहीं किसी तरह का कोई चूक ना हो इसके लिए लगातार मॉनिटरिंग हो रही है। वरीय पदाधिकारी के निर्देश पर सुरक्षा के चाक-चौबंद व्यवस्था की गई है। सभी जगह बैरी केटिंग करने के बाद चप्पे-चप्पे पर प्रशासन मुस्तैद है।

 

पटना शहर में लगातार कई महीनों से वाहनों की चेकिंग शुरू है। विशेष चेकिंग भी लगाया गया था जिससे जुर्माने के तौर पर सरकारी खजाने में राजस्व की वृद्धि हुई, यहां तक तो बात सही है लेकिन ट्राफिक पोस्ट अवैध वसूली का केंद्र भी बन गया है, इसकी जांच पड़ताल करने के लिए ऊपर से कोई अधिकारी नहीं देखते हैं। आला अधिकारी को अपने स्तर से जांच के दोषी अधिकारी के खिलाफ करवाई करनी चाहिए। आज जब हमारे पत्रकारों की टीम ने पटना शहर का मुआयना किया तो वाहन चालकों ने बताया कि हम लोग सेटिंग गेटिंग करके 1000 का चालान 500 सौ में फाइनल कर लेते हैं।
नाम नही बताने के शर्त पर एक आदमी ने बताया कि चालान सरकार के द्वारा बहुत ज्यादा कर दिया गया है इस लिए हमलोग 500,₹ 1000 ₹ देकर छूट जाते है कौन जाएगा 5000 ₹ से 10000 फाइन देने।

जांच के नाम पर अधिकारी किसी को भी नहीं बख्शते है। यह धंधा लगभग 75% पोस्ट पर होते है। समाचार लिखे जाने पर कार्रवाई शून्य है। एक तरफ जहां नीतीश सरकार भ्रष्टाचार को रोकने के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है, आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा लगातार वरिष्ठ अधिकारियों पर भी कानूनी कार्रवाई की जा रही है उनकी संपत्ति को जप्त किया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ प्रशासन के नाक के नीचे राजधानी में वसूली का खेल जारी है। मामला तब समझ में आता है जब वाहन चालक एक जगह नजराना देकर दूसरी जगह पकड़े जाते हैं तो उनको कहना पड़ता है की पिछला पोस्ट पर पैसा देकर आए हैं, दोनों अधिकारी फोन पर बात कर लेते हैं और मामले को दबा दिया जाता है, कभी-कभी वाहन मालिक को कई जगह नजराना देकर आगे का रास्ता तय करना पड़ता है जो कि कहीं से उचित नहीं है। इस पर वरीय पदाधिकारी को संज्ञान लेने की जरूरत है नहीं तो न्याय के साथ विकास और विश्वास माननीय मुख्यमंत्री का सपना साकारनहीं हो पाएगा।

कुछ चहेते ट्राफिक पदाधिकारी कार्यालय को खुश करके अपना काम आसानी से कर रहे हैं मनचाहा पोस्टिंग भी करवा लेते हैं, राजधानी में सबसे ज्यादा वाहन जुर्माना वसूलने वाले पदाधिकारी को शहर के किनारे ट्राफिक पोस्ट पर बहाल कर दिया जाता है। बीते कुछ दिन पहले यातायात पदाधिकारियों की शहर मे अदला बदली किया गया था ताकि पारदर्शिता बनी रहे, शहर को जाम से मुक्त कराया जा सके लेकिन उसका कुछ अधिक फायदा नजर नहीं आया। कुछ ट्राफिक पोस्ट को तोड़ा गया कुछ को जोड़ा गया लेकिन स्थिति जस की तस है। पटना उच्च न्यायालय ट्राफिक पोस्ट इन दिनों काफी चर्चा में है वहां के पदाधिकारी ब्रजेश सिंह अपने यातायात पोस्ट पर नजर ही नही आते है जब पत्रकारों ने पूछा तो उन्होंने साफ-साफ कह दिया कि आपको जो लिखना है लिखिए मेरा पहुंच ऊपर तक है मेरा कुछ नहीं होगा।

Latest articles

Related articles

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

बड़ी खबरें :