खगड़िया सदर:अपर समाहर्ता श्री शत्रुंजय कुमार मिश्रा ने खगड़िया प्रखंड के तेतराबाद ग्राम पंचायत के चनपुरा राजस्व ग्राम में रब्बी गेहूं फसल के फसल कटनी प्रयोग का निरीक्षण किया। अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय, योजना एवं विकास विभाग, बिहार द्वारा बिहार राज्य फसल सहायता योजना अंतर्गत अधिसूचित एवं बीमित फसलों का फसल कटनी प्रयोग संपादित करवाया जाता है। जिला सांख्यिकी कार्यालय द्वारा सभी पंचायतों के प्राथमिक प्रयोगकर्ताओं को फसल कटनी प्रयोग हेतु आयोजन सूची उपलब्ध कराई जाती है। फसल कटनी प्रयोग मुख्यतः प्रखंड कृषि पदाधिकारी, प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी, अंचल निरीक्षक, कृषि समन्वयक एवं किसान सलाहकारों द्वारा संपादित किया जाता है।
फसल कटनी प्रयोग कृषि उपज दर का अनुमान लगाने की एक वैज्ञानिक पद्धति है तथा इसका विधिवत संपादन किया जाना शुद्ध-शुद्ध अनुमान लगाने के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसी के लिए फसल कटनी प्रयोगों की विभिन्न प्रक्रियाओं का निरीक्षण वरीय पदाधिकारियों यथा जिलाधिकारी, अपर समाहर्ता, उप विकास आयुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी, भूमि सुधार उप समाहर्ता, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल निरीक्षक इत्यादि द्वारा किया जाता है।
तेतराबाद पंचायत में रब्बी गेहूं के कटनी प्रयोग के तहत प्राथमिक कार्यकर्ता किसान सलाहकार श्री एस पी कर्मशील को यह प्रयोग आवंटित किया गया था, जिन्होंने अपर समाहर्ता की उपस्थिति में इस फसल कटनी प्रयोग का संपादन किया।
फसल कटनी प्रयोग के लिए रैंडम पद्धति से चयनित खसरा संख्या पर किसान श्री सुरेश प्रसाद सिंह, पूर्व मुखिया, तेतराबाद पंचायत के खेत/कीता का चयन किया गया। इसके लिए अमीन की सहायता से सर्वप्रथम नक्शे पर खेत का चयन किया गया और तब अंतिम रूप से खेत को चयनित किया गया। अपर समाहर्ता ने इस संबंध में अंचलाधिकारी एवं राजस्व कर्मचारी से भी नक्शे एवं खसरा की जानकारी ली। फसल कटनी प्रयोग के दौरान रैंडम तालिका स्तंभ के आधार पर खेत में 10 मीटर लंबाई एवं 5 मीटर चौड़ाई के आयताकार खंड को चिन्हित कर उक्त खंड में लगे गेहूं के फसल की कटनी कराई गई।
फसल कटनी के बाद फसल के थ्रेसिंग का कार्य किया गया, जिससे प्राप्त गेहूं के दाने की तौल की गई। 50 वर्ग मीटर क्षेत्र में कटनी किए गए गेहूं के दाने का वजन इलेक्ट्रॉनिक तराजू पर 22.600 किलोग्राम मापा गया। इस आधार पर प्रति हेक्टेयर गेहूं की उत्पादकता 45.200 क्विंटल आंकी गई। अपर समाहर्ता ने प्राप्त वजन पर संतोष जताया। फसल कटनी प्रयोग का चित्र एवं डाटा सीसीए ऐप पर जीपीएस लोकेशन के साथ अपलोड किया गया।
अपर समाहर्ता ने विगत वर्षों के उपज के बारे में भी किसानों से जानकारी ली। किसानों ने जानकारी दी कि फसल सामान्य है। कृषि समन्वयक ने बताया कि इस खेत में गेहूं की बुवाई देर से हुई है, तटबंध के पानी के रिसाव के चलते देर से बुवाई हुई है। किसान से प्रयुक्त खाद एवं बीज के बारे में भी अपर समाहर्ता ने जानकारी ली। किसान ने बताया कि उसने पोल्ट्री फॉर्म से निकले अपशिष्ट पदार्थों को भी खेत में खाद के रूप में प्रयोग किया है। अपर समाहर्ता ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं किसानों को फसल कटनी प्रयोग के महत्व के बारे में भी बताया कि इसका प्रयोग सरकार द्वारा कृषि संबंधी विभिन्न योजनाओं के निर्माण में किया जाता है।
ज्ञात रहे कि रब्बी फसल गेहूं और मकई के साथ खरीफ फसल भदई मक्का और अगहनी धान का पंचायत स्तरीय फसल कटनी आयोजित किया जाता है एवं प्रत्येक पंचायत में 5 फसल कटनी प्रयोग संपादित किया जाता है। फसल कटनी प्रयोग से एक ओर जहां फसलों की उत्पादकता ज्ञात होती है, वहीं दूसरी ओर इसके आधार पर अधिसूचित एवं बीमित फसलों हेतु फसल क्षतिपूर्ति का निर्धारण सहकारिता विभाग, बिहार द्वारा किया जाता है। फसल कटनी प्रयोग से प्राप्त उत्पादकता के आंकड़ों का प्रयोग कृषि संबंधी नीतियों को तय करने में राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार द्वारा भी किया जाता है।
इस अवसर पर जिला सांख्यिकी पदाधिकारी श्री आनंद प्रकाश, अंचल अधिकारी, खगड़िया श्री अंबिका प्रसाद, अवर सांख्यिकी पदाधिकारी श्री अवधेश प्रसाद श्रीवास्तव, प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी श्री विकास कुमार, कृषि समन्वयक सहित मुखिया, पूर्व मुखिया, स्थानीय कृषक उपस्थित थे।