टेक्‍नॉलोजी डे पर लगा प्रोजेक्‍ट एक्‍सपो, 120 स्‍कूलों के बच्‍चों ने दिखाई भविष्‍य की राह

पाइट कालेज समालखा की आइडिया लैब में लगी प्रदर्शनी, विजेताओं को पुरस्‍कृत किया

पानीपत – समालखा(लोकेश झा):   स्थित पानीपत इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्‍नॉलोजी में बुधवार को नेशनल टेक्‍नॉलोजी डे मनाया गया। हरियाणा के अलग-अलग जिलों के स्‍कूलों के बच्‍चों ने माडल प्रस्‍तुत किए। प्रोजेक्‍ट एक्‍सपो की थीम थी, साइंड एंड टेक्‍नॉलोजी फोर ए सस्‍टेनेबल फ्यूचर। 120 टीमों ने कालेज की आइडिया लैब में अपने माडल प्रस्‍तुत किए। इस एक्‍सपो में समालाखा के एसडीएम अश्विनी मलिक मुख्‍य अतिथि रहे। कालेज के सदस्‍य सचिव सुरेश तायल, वाइस चेयरमैन राकेश तायल, मैनेजमेंट बोर्ड के सदस्‍य शुभम तायल, शिक्षा विभाग से नोडल अधिकारी डा.रितेश शर्मा विशेष अतिथि रहे। कालेज के एपीजे अब्‍दुल कलाम आडिटोरियम हाल में पुरस्‍कार वितरण समारोह हुआ। यहां स्‍टूडेंट वेलफेयर के डीन डा.बीबी शर्मा ने आइडिया लैब के बारे में विस्‍तार से बताया। सेंट जेवियर स्‍कूल ने पहला, डा.एमकेके स्‍कूल ने दूसरा और आर्य बाल भारती स्‍कूल ने तीसरा पुरस्‍कार जीता।
इससे पहले लगाए गए प्रोजेक्‍ट एक्‍सपो में निजी से लेकर राजकीय स्‍कूलों के बच्‍चों ने उत्‍साह से भाग लिया। कालेज में अपने प्रोजेक्‍ट तैयार करते हुए इन्‍हें प्रस्‍तुत किया। खास बात ये रही कि छोटी उम्र में बड़ा संदेश दिया। पर्यावरण की हर किसी को चिंता थी। वहीं, एक स्‍कूल ने तो महिला सशक्‍तीकरण का भी माडल प्रस्‍तुत हुए सवाल उठाया कि जब पश्चिमी सभ्‍यता को अपनाने को हम तैयार हैं तो पश्चिम की तरह महिला को उनके पूरे अधिकार क्‍यों नहीं देते। पुरस्‍कार वितरण समारोह में एसडीएम अश्विनी मलिक ने कहा कि सभी बच्‍चों ने बहुत मेहनत की है। निजी स्‍कूलों के साथ राजकीय स्‍कूलों के बच्‍चों के प्रोजेक्‍ट को देखकर बहुत अच्‍छा लगा। पराली को खाद में बदलने का कांसेप्‍ट शानदार है। एक तरह से ये किसानों की बड़ी समस्‍या का समाधान करता है। पर्यावरण संरक्षण और जल बचाने जैसे प्रोजेक्‍ट देखकर लगता है कि बच्‍चे कितना आगे की सोचते हैं। राष्‍ट्रीय तकनीकी दिवस हमारे देश की क्षमता को भी बताता है। क्‍योंकि इसी दिन भारत ने परमाणु परीक्षण करके दुनिया को अपनी ताकत का एहसास कराया था। जब तकनीक की बात आती है तो इसके फायदे और नुकसान दोनों हैं। आप चाहें तो इसका सकारात्‍मक उपयोग कर सकते हैं। तकनीक का इस्‍तेमाल पर्यावरण की रक्षा के लिए करें।
वाइस चेयरमैन राकेश तायल ने कहा कि एक्‍सपो में बच्‍चों का उत्‍साह देखने लायक था। यह खुशी की बात है कि ज्‍यादातर ने अपना विजन पर्यावरण संरक्षण का रखा। इंसान कैसे दुनिया को बेहतर कर सकता है, यह बच्‍चों ने बताया। पाइट आइडिया लैब से मुंताजिर मेहंदी, परनिका, आकाश, शाग्निक, अमन, आदित्‍य ने स्‍मार्ट प्‍लांट, स्‍मार्ट वाटरिंग प्रोजेक्‍ट दिखाया। कालेज आफ रूढ़की ने कालेज प्रतिभागियों के बीच हुई प्रतियोगिता जीती। विजेताओं को क्रमश: 5100, 3100 और 2100 के अलावा 1100-1100 रुपये का सांत्‍वना पुरस्‍कार दिया गया। इस अवसर पर एप्‍लाइड साइंस विभाग से डा.विनय खत्री, डा.अंजू गांधी, ब्राइट स्‍कॉलर स्‍कूल सोनीपत से प्रिंसिपल किरण दलाल, रिषिकुल विद्यापीठ से प्रिंसिपल वंदना, पाइट कालेज से जनसंपर्क अधिकारी ओपी रनौलिया मौजूद रहे।

*एक्‍सपो के माडल, नदियां साफ करनी है, पर्यावरण बचाना है*
*1- गंगा रिवर क्‍लीनिंग*
सेंट जेवियर स्‍कूल ने गंगा रिवर क्‍लीनिंग प्रोजेक्‍ट दिखाया। आयुष और आदेश सिन्‍हा ने बताया कि किस तरह नदी को साफ कर सकते हैं। कचरे को अलग किया जा सकता है। इससे बिजली भी बनाई जा सकती है। नदी से तेल को अलग किया जा सकता है।

*2- स्‍मार्ट पार्किंग*
डा.एमकेके स्‍कूल के सक्षम परुथी और युक्ति जैन ने स्‍मार्ट पार्किंग का कांसेप्‍ट सामने रखा। इन्‍होंने बताया कि किस तरह शहरों में पार्किंग नहीं होने के कारण समस्‍या बढ़ती जा रही है। हमें सिस्‍टम बदलने होंगे। स्‍मार्ट तरीकों से काम करेंगे तो इस समस्‍या का समाधान हो सकता है।

*3- पानी भरते ही बंद हो जाएगी मोटर*
जाटल राजकीय स्‍कूल के बच्‍चों ने ऐसी सेंसर युक्‍त टंकी दिखाई, जिसमें पानी भरने के बाद मोटर खुद ब खुद बंद हो जाएगी। अब तक बाजार में अलार्म उपलब्‍ध हैं। पानी भरने पर अलार्म बज उठता है। मोटर बंद करने के लिए दौड़ना पड़ता है। लेकिन आधुनिक सेंसरयुक्‍त टंकी में पानी भरते ही मोटर खुद ही बंद हो जाएगी।

*इनको मिला सांत्‍वना पुरस्‍कार*
पाइट संस्‍कृति स्‍कूल, आरोही माडल स्‍कूल, आर्य सीनियर सेकेंडरी स्‍कूल, जानकी दास कपूर पब्लिक स्‍कूल, दयाल सिंह स्‍कूल करनाल, शैमरोक स्‍कूल कैथल, शिक्षा भारती स्‍कूल।

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