- जिलाधिकारी ने रांको पंचायत, (वर्तमान में नगर परिषद खगड़िया में सम्मिलित) में अगहनी धान के फसल कटनी प्रयोग का किया निरीक्षण
- प्रति हेक्टेयर 61.22 क्विंटल उत्पादकता आंकी गई, जिलाधिकारी ने किसानों से कृषि विभाग की योजनाओं के संबंध में फीडबैक प्राप्त किया एवं अपना धान पैक्सों को बेचने की सलाह दी
खगड़िया सदर : दिनांक 17.11.22 को जिलाधिकारी डॉक्टर आलोक रंजन घोष ने खगड़िया प्रखंड के रांको पंचायत, जो नगर परिषद खगड़िया में सम्मिलित हो चुका है, के चंदर नगर टोला में अगहनी धान के फसल कटनी प्रयोग का निरीक्षण किया। जो ग्राम पंचायत नगरीय क्षेत्र में शामिल हो चुके हैं, उनमें भी कृषि पर लोगों की निर्भरता को देखते हुए वहां फसल कटनी प्रयोग आयोजित किया जा रहा है। अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय, योजना एवं विकास विभाग, बिहार द्वारा बिहार राज्य फसल सहायता योजना अंतर्गत कृषि वर्ष 2022-23 के अधिसूचित एवं बीमित फसलों का फसल कटनी प्रयोग संपादित करवाया जाता है। जिला सांख्यिकी कार्यालय, खगड़िया द्वारा रांको पंचायत में अगहनी धान के कटनी प्रयोग के तहत प्राथमिक कार्यकर्ता श्री नागमणि वर्मा, किसान सलाहकार को यह प्रयोग आवंटित किया गया था, जिन्होंने इस फसल कटनी प्रयोग का संपादन जिलाधिकारी की उपस्थिति में किया।
जिलाधिकारी ने फसल कटनी प्रयोग के पूरी प्रक्रिया का बारीकी से निरीक्षण किया और प्रत्येक चरण के बारे में प्रयोगकर्ता एवं जिला सांख्यिकी पदाधिकारी से जानकारी प्राप्त की। उन्होंने धान में नमी की मात्रा एवं इसके सुखवन प्रयोग के संपादन के संबंध में भी जानकारी ली। उन्होंने अनुमान व्यक्त किया कि धान में 20% के आसपास नामी होगी।विदित हो कि खरीफ फसल भदई मक्का और अगहनी धान के साथ रब्बी फसल गेहूं और मकई का भी पंचायत स्तरीय फसल कटनी आयोजित किया जाता है, जिसके तहत प्रत्येक पंचायत में 5 फसल कटनी प्रयोग संपादित किया जाता है। फसल कटनी प्रयोग से एक ओर जहां फसलों की उत्पादकता ज्ञात होती है, वहीं दूसरी ओर इसके आधार पर अधिसूचित एवं बीमित फसलों हेतु फसल क्षतिपूर्ति का निर्धारण सहकारिता विभाग, बिहार द्वारा किया जाता है। केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा इसके आंकड़ों का प्रयोग कृषि संबंधित नीतियों को तय करने में भी किया जाता है। फसल कटने प्रयोग से प्राप्त उपज दर से राज्य आय में कृषि के हिस्से का भी पता चलता है।फसल कटनी प्रयोग उपज दर के अनुमान लगाने का एक वैज्ञानिक ढंग है तथा कटनी प्रयोग का विधिवत किया जाना शुद्ध शुद्ध अनुमान लगाने के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए फसल कटनी प्रयोगों की विभिन्न प्रक्रियाओं का निरीक्षण जिला स्तरीय एवं उच्च स्तरीय पदाधिकारियों द्वारा किया जाता है। जिलाधिकारी ने इसी क्रम में रांको में फसल कटनी प्रयोग का निरीक्षण किया गयाफसल कटनी प्रयोग के लिए खसरा/कीता संख्या 232 पर स्थित चंदरनगर के महिला किसान श्रीमती ललिता देवी के खेत का चयन किया गया था। फसल कटनी प्रयोग के दौरान रैंडम तालिका स्तंभ के आधार पर खेत में 10 मीटर लंबाई एवं 5 मीटर चौड़ाई के आयताकार खंड को चिन्हित कर उक्त खंड की सीमा पर या उसके अंदर पड़ने वाले अगहनी धान की फसल की कटनी कराई गई।जिलाधिकारी एवं उप विकास आयुक्त ने स्वयं अपने हाथों में हंसुआ पकड़कर फसल काटना प्रारंभ किया और तत्पश्चात महिला मजदूरों द्वारा चिन्हित घेरे गए क्षेत्र में फसल कटनी की गई। इसका चित्र एवं डाटा सीसीई ऐप पर अपलोड किया गया। विदित हो कि प्रत्येक फसल कटनी प्रयोग का चित्र एवं डाटा क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट ऐप पर अपलोड किया जाना अनिवार्य है, जिसमें खेत का जीपीएस लोकेशन भी दर्ज होता है। इस दौरान फसल कटनी प्रयोग के महत्व एवं इसकी प्रक्रिया की जानकारी जिला सांख्यिकी पदाधिकारी द्वारा उपस्थित किसानों को दी गई। जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा उचित प्रभेद के बीजों के चयन एवं खाद के प्रयोग के संबंध में भी किसानों को जानकारी दी गई।फसल कटनी के बाद पिटनी एवं दौनी का कार्य किया गया, जिससे प्राप्त धान के दाने की तौल की गई। 50 वर्ग मीटर क्षेत्र में कटनी किए गए धान के दाने का वजन इलेक्ट्रॉनिक तराजू पर 30.610 किलोग्राम मापा गया। प्राप्त उपज के आधार पर प्रति हेक्टेयर धान की उत्पादकता 61.22 क्विंटल आंकी गई, जिसे बेहतर उत्पादकता माना जा सकता है। कटनी से प्राप्त धान को बोरे में सीलबंद किया गया और 10 दिनों तक इसे धूप में सुखाने के बाद सूखे दाने का वजन ज्ञात किया जाना है।किसानों ने जितना आंकलन किया था, उसकी तुलना में ज्यादा उत्पादन फसल कटनी प्रयोग के दौरान प्राप्त हुआ।
इस वर्ष फसल अच्छी है और सहकारिता विभाग द्वारा भी धान की अधिप्राप्ति गत वर्ष की तुलना में अधिक की जानी है। जिलाधिकारी ने किसानों से कृषि विभाग द्वारा प्रदत विभिन्न योजनाओं के लाभों के संबंध में फीडबैक प्राप्त किया गया और उन्हें सलाह दी गई कि धान को बेचने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कृषि विभाग के पोर्टल पर कराएं और पैक्स को सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ही धान बेचें।फसल कटनी प्रयोग के निरीक्षण के दौरान उप विकास आयुक्त श्री संतोष कुमार, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी श्री आनंद प्रकाश, जिला कृषि पदाधिकारी श्री शैलेन्द्र कुमार, सहायक सांख्यिकी अधिकारी श्री सुनील कुमार, अवर सांख्यिकी पदाधिकारी श्री अवधेश कुमार श्रीवास्तव, प्रखंड कृषि पदाधिकारी श्री अभिमन्यु कुमार, कृषि समन्वयक श्री नवीन कुमार, किसान सलाहकार श्री शंकर कुमार, श्री कंचन कुमार, श्री संजीव कुमार सहित बड़ी संख्या में श्री विनोद कुमार वर्मा,श्री उत्तर कुमार, श्री राम प्रसाद वर्मा, श्री ललन कुमार, श्री पवन कुमार, श्री पंकज कुमार सिंह, श्री बुलबुल यादव, श्री गोरेलाल वर्मा, श्री आनंद राज इत्यादि किसान उपस्थित थे।