*जिलाधिकारी द्वारा जल जीवन हरियाली योजनाओं एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम की गहन समीक्षा, कार्य पूर्णता के साथ एमआईएस पोर्टल पर शत प्रतिशत एंट्री का दिया निदेश*
पत्रकार नगर, खगड़िया।(प्रभुजी).आज दिनांक 08.08.22 को जिलाधिकारी डॉक्टर आलोक रंजन घोष की अध्यक्षता में समाहरणालय सभाकक्ष में आयोजित समीक्षात्मक बैठक में जल जीवन हरियाली के अंतर्गत कराए जा रहे कार्यों एवं वृक्षारोपण की विस्तृत समीक्षा की गई एवं आवश्यक निर्देश दिए गए। इस बैठक में उप विकास आयुक्त श्री संतोष कुमार सहित सभी कार्यक्रम पदाधिकारी, मनरेगा एवं संबंधित विभागों के पदाधिकारी एवं कर्मचारी शामिल हुए।बैठक के प्रारंभ में जिलाधिकारी ने सार्वजनिक जल संरचनाओं पर अतिक्रमण की समीक्षा करते हुए खगड़िया एवं परबत्ता अंचल को निर्देश दिया कि शेष बचे हुए जल संरचनाओं को अतिक्रमण मुक्त कराते हुए इसकी एंट्री एमआईएस पर करा दें। मात्र 13 जल संरचनाओं को अतिक्रमण मुक्त किया जाना है। लघु जल संसाधन विभाग द्वारा सार्वजनिक तालाब/पोखर का जीर्णोद्धार कार्य के संबंध में एमआईएस पर मात्र 4 एंट्री कराई गई है, जबकि 3 योजनाओं के कार्य पूर्णता की एमआईएस पर एंट्री कराई गई है। मनरेगा के अंतर्गत 5 एकड़ तक के सार्वजनिक पोखर-तालाब के जीर्णोद्धार हेतु कुल 68 का लक्ष्य रखा गया है, जबकि एमआईएस पर मात्र 34 योजनाओं के कार्य पूर्णता की इंट्री की गई है। जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी जताते हुए सभी मनरेगा पीओ को निर्देश दिया कि अविलंब लक्ष्य के अनुरूप योजनाओं की एमआईएस पर एंट्री कराते हुए कार्य प्रारंभ करें। उन्होंने कहा कि सभी अमृत सरोवरों पर कार्य प्रारंभ की इंट्री एमआईएस पोर्टल पर कराएं। उन्होंने शेष अमृत सरोवरों पर उप विकास आयुक्त को अविलंब कार्य प्रारंभ करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जितने तालाबों-पोखरों पर काम जारी है, उसकी एंट्री एमआईएस पोर्टल पर कराएं। उन्होंने छोटे तालाबों को भी जल जीवन हरियाली योजना के अंतर्गत चयनित करने का निर्देश दिया। उन्होंने सभी कार्यक्रम पदाधिकारी, मनरेगा को क्षेत्र में भ्रमण कर जल संरचनाओं को देखने का निर्देश दिया।लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा 129 लक्ष्य के विरुद्ध शत प्रतिशत सार्वजनिक कुओं के जीर्णोद्धार की कार्य पूर्णता की एमआईएस पोर्टल पर इंट्री पर उन्होंने धन्यवाद देते हुए कहा कि सभी विभाग ऐसे ही शत-प्रतिशत कार्य पूर्णता करते हुए एमआईएस पर एंट्री कराएं। पंचायती राज विभाग द्वारा कुओं के जीर्णोद्धार के संबंध में उन्होंने पाया कि 514 लक्ष्य के विरुद्ध मात्र 127 योजना का कार्य पूर्ण हुआ है। इस संबंध में पंचायती राज कार्यालय के प्रोग्रामर को योजना के क्रियान्वयन में तेजी लाने का निर्देश दिया गया। सार्वजनिक कुओं के जीर्णोद्धार में खगड़िया नगर परिषद द्वारा शत प्रतिशत 11 एवं गोगरी जमालपुर नगर परिषद द्वारा 24 योजनाओं के कार्य पूर्णता की एंट्री की गई है।सार्वजनिक कुंओं के किनारे सोख्ता निर्माण में भी पंचायती राज विभाग द्वारा कुल लक्ष्य 643 के विरुद्ध मात्र 39 योजनाओं पर भौतिक रूप से कार्य प्रारंभ किया गया है एवं 24 योजनाओं के कार्य प्रारंभ की प्रविष्टि एमआईएस पर की गई है, जो कि संतोषजनक नहीं है। मात्र 5 योजनाओं के कार्य पूर्णता की प्रविष्टि एमआईएस पर की गई है।
सार्वजनिक चापाकल के किनारे सोख्ता निर्माण में मनरेगा द्वारा लक्ष्य 842 के विरुद्ध शत प्रतिशत योजनाओं पर कार्य प्रारंभ कराते हुए 702 योजनाओं की एंट्री एमआईएस पोर्टल पर की गई है। 557 योजनाओं के कार्य पूर्णता की एंट्री भी की जा चुकी है। सार्वजनिक चापाकल के किनारे सोख्ता निर्माण में नगर परिषद खगड़िया एवं गोगरी की स्थिति संतोषजनक है।
नए जल स्रोतों के सृजन के संबंध में मनरेगा द्वारा चयनित 64 योजनाओं में से 39 योजनाओं पर कार्य प्रारंभ की प्रविष्टि एमआईएस पर की गई है। इसमें से मात्र 20 योजनाओं के कार्य पूर्णता की प्रविष्टि एमआईएस पोर्टल पर की गई है, जिसे जिलाधिकारी ने असंतोषजनक मानते हुए योजनाओं पर भौतिक रूप से कार्य प्रारंभ करने उसकी एमआईएस पर एंट्री करने एवं कार्य पूर्णता की भी एमआईएस पर एंट्री करने का निर्देश दिया।नए जल स्रोतों के सृजन के संबंध में पशुपालन एवं मत्स्य विभाग द्वारा 42 में से 40 योजनाओं, जबकि कृषि विभाग द्वारा 4 में से 4 योजनाओं पर कार्य प्रारंभ की एमआईएस पर एंट्री करा दी गई है। पशुपालन एवं मत्स्य विभाग द्वारा 21 योजनाओं के कार्य पूर्णता की एंट्री एमआईएस पोर्टल पर की गई है। जिलाधिकारी ने जल संचयन को बढ़ाने के लिए नए जल स्रोतों के निर्माण पर जोर दिया।जिलाधिकारी ने सभी कार्यक्रम पदाधिकारी, मनरेगा को अमृत सरोवर के संबंध में भी अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त कर कार्य प्रारंभ करने का निर्देश दिया। उन्होंने नए खेतपोखरी और तालाब के निर्माण के साथ ज्यादा से ज्यादा पुराने तालाबों के जीर्णोद्धार का भी निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी ने सुखाड़ के संभावित स्थिति को देखते हुए मनरेगा के अंतर्गत अतिरिक्त श्रम दिवसों के सृजन का भी निर्देश दिया।भवनों में छत वर्षा जल संचयन के संबंध में मनरेगा द्वारा ली गई 31 योजनाओं में से 26 के कार्य प्रारंभ की एंट्री कराई गई है, जबकि 22 योजनाओं के कार्य पूर्णता की एंट्री एमआईएस पोर्टल पर की गई है। शिक्षा विभाग द्वारा 78 में से 78 योजनाओं के कार्य पूर्णता की एंट्री करा दी गई है, जबकि भवन निर्माण विभाग द्वारा 83 में से 75 योजनाओं के कार्य पूर्णता की एंट्री एमआईएस पर कराई गई है। स्वास्थ्य विभाग, नगर परिषद खगड़िया एवं गोगरी द्वारा शत प्रतिशत छत वर्षा जल संचयन योजनाओं के कार्य पूर्णता की प्रविष्टि करा दी गई है। इस पर जिलाधिकारी ने संतोष व्यक्त किया।
वैकल्पिक फसलों, टपकन सिंचाई, जैविक खेती एवं अन्य नई तकनीकों के उपयोग के संबंध में उद्यान विभाग द्वारा ली गई 801 योजनाओं के विरुद्ध मात्र 16 योजनाओं के कार्य प्रारंभ की एंट्री एमआईएस पोर्टल पर की गई है, जिसे जिलाधिकारी ने अत्यंत ही खेदजनक मानते हुए सभी योजनाओं पर कार्य प्रारंभ करते हुए इसकी एंट्री एमआईएस पर कराने का निर्देश दिया।सौर ऊर्जा उपयोग को प्रोत्साहन देने एवं ऊर्जा की बचत हेतु विद्युत प्रमंडल द्वारा ली गई 28 में से 28 योजनाओं की प्रविष्टि एमआईएस पर की गई है, लेकिन कार्य पूर्णता की स्थिति शून्य है। जिलाधिकारी ने ब्रेडा के अभियंता को विद्युत विभाग से संपर्क कर सभी चयनित योजनाओं का कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया।सघन वृक्षारोपण के लिए मनरेगा के अंतर्गत विभिन्न प्रखंडों के लिए कुल 643 यूनिट का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से 538 योजनाओं के कार्य प्रारंभ की एवं 327 योजनाओं के कार्य पूर्णता की एंट्री कर एमआईएस पोर्टल पर किया गया है।जल जीवन हरियाली अंतर्गत चयनित योजनाओं की भौतिक प्रगति एवं एमआईएस पर प्रविष्टि के बीच गैप को समाप्त करने का निर्देश देते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि हर चयनित योजना का एमआईएस पर एंट्री सुनिश्चित कराई जाए। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि चयनित योजनाओं के कार्य पूर्णता के साथ उसकी एंट्री भी एमआईएस पोर्टल पर किया जाना आवश्यक है।जिलाधिकारी द्वारा वृक्षारोपण कार्यक्रमों के भी विस्तार से समीक्षा की गई और जिले को वृक्षारोपण हेतु राज्य द्वारा मिले लक्ष्य को इस माह के अंत तक प्राप्त करने का निर्देश मनरेगा के कनीय अभियंताओं एवं पंचायत रोजगार सेवकों को दिया। उन्होंने वृक्षारोपण के साथ वनपोषकों की बहाली, नियमित पानी डालने एवं चापाकल लगाने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि कोशिश यह करनी है कि लगाए गए वृक्षों में से न्यूनतम 95% जीवित रह जाएं। उन्होंने कहा कि जल जीवन हरियाली अंतर्गत पर्यावरण संरक्षण हेतु एवं पर्यावरण में आए बदलाव से निपटने के लिए वृक्षारोपण अत्यंत महत्वपूर्ण है।