*जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला उर्वरक निगरानी समिति के बैठक आयोजित, निर्धारित मूल्य पर जीरो टॉलरेंस नीति के तहत उर्वरकों की बिक्री करने का दिया निर्देश,
उर्वरक की खपत का आंकलन वास्तविक मूल्यांकन के आधार पर करने का दिया गया निर्देश, प्रखंड कृषि पदाधिकारियों को सप्ताहिक जांच करने का दिया गया निर्देश, उर्वरकों के इष्टतम उपयोग को बढ़ावा देने का निर्देश*
पत्रकार नगर, खगडिया।(हरिशेखर कुमार).आज दिनांक 23.07.22 को जिलाधिकारी डॉ आलोक रंजन घोष की अध्यक्षता में जिला उर्वरक निगरानी समिति की बैठक समाहरणालय सभाकक्ष में आयोजित की गई। बैठक में माननीय विधायक बेलदौर श्री पन्नालाल सिंह पटेल, माननीय विधायक अलौली श्री रामवृक्ष सदा, जिला परिषद अध्यक्षा सुश्री कृष्णा कुमारी यादव माननीय विधायक परबत्ता के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।निगरानी समिति की बैठक के प्रारंभ में पिछले बैठक की कार्रवाई के अनुपालन के संबंध में समीक्षा के क्रम में यह पाया गया कि कृषि वर्ष 2021-22 में 113 लक्ष्य के विरुद्ध उर्वरकों का 135 नमूना संग्रहित किया गया, जिसमें 27 नमूने मानक के अनुरूप नहीं पाए गए। इस संबंध में जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि अमानक नमूनों के उर्वरकों की बिक्री पर रोक लगाते हुए इन्हें बाजार से हटा लेना है एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई अपेक्षित है। माननीय विधायक बेलदौर और जिला परिषद अध्यक्षा ने अमानत नमूने से संबंधित उर्वरक विक्रेताओं पर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया।जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि खाद की कालाबाजारी, कृत्रिम कमी और इसकी गैर कानूनी बिक्री पर रोक लगाने के लिए कृषि विभाग के पदाधिकारी सतत भ्रमणशील रहें। जिलाधिकारी ने उर्वरक निगरानी समिति के सदस्यों को अवगत कराया कि खगड़िया में प्रति व्यक्ति उर्वरक की खपत राज्य के औसत से ज्यादा है। माननीय परबत्ता विधायक के प्रतिनिधि ने बैठक में यह सुनिश्चित कराने का अनुरोध किया कि उर्वरक की बिक्री विभागीय निर्धारित दर से अधिक मूल्य पर ना हो।जिलाधिकारी ने खगड़िया को प्राप्त उर्वरक की आपूर्ति में से जिले के किसानों को प्राथमिकता के आधार पर उर्वरक उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया। इस संबंध में मोहरा घाट की विशेष रूप से चर्चा की गई जहां अन्य जिलों के किसान भी उर्वरक खरीदते हैं। माननीय अलौली विधायक ने मोहरा घाट में उर्वरक का आवंटन बढ़ाने का अनुरोध किया।जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिया कि यूरिया के साथ नैनो यूरिया की बिक्री अनिवार्य रूप से नहीं की जाए। उर्वरक का वितरण जहां ज्यादा हो, वहां विभागीय कर्मी भी उपस्थित रहें एवं उनकी जवाबदेही तय की जाए, ताकि उर्वरक की कृत्रिम कमी एवं कालाबाजारी से निपटा जा सके। नैनो यूरिया को बढ़ावा देने के लिए किसानों को जागरूक करने का प्रयास किया जाए एवं उन्हें स्वेच्छा से नैनो यूरिया खरीदने के लिए प्रेरित किया। जिलाधिकारी ने बुधवार एवं गुरुवार को साप्ताहिक जांच के दौरान प्रखंड कृषि पदाधिकारियों को उन्हें सौंपे गए जांच को करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि फील्ड पदाधिकारी के रूप में उन्हें यह कार्य अनिवार्य रूप से करना होगा। निगरानी समिति की बैठक में खगड़िया में खरीफ मौसम में उर्वरक की आवश्यकता और उपलब्धता की समीक्षा की गई। समीक्षा के क्रम में पाया गया कि जिले में पर्याप्त मात्रा में सभी आवश्यक उर्वरक उपलब्ध हैं, कमी की कोई संभावना नहीं है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया के बारिश होते ही उर्वरक की मांग बढ़ने की प्रवृत्ति होती है। अतः उर्वरक की उपलब्धता सभी क्षेत्रों में मांग के अनुरूप सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाए। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि आज के समय में यूरिया एवं डीएपी की जिले में कमी नहीं है। थोक एवं खुदरा विक्रेता के पास पर्याप्त उर्वरक स्टॉक में उपलब्ध है। रबी फसलों के बुवाई के समय आवश्यक उर्वरक यथा डीएपी, एनपीके, अमोनियम फास्फेट एवं सिंगल सुपर फास्फेट की आवश्यकता का आंकलन कर अभी से इसकी उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए प्रयास करने का निर्देश दिया गया।जिलाधिकारी ने वैश्विक कारणों से यूरिया की उपलब्धता में कमी को देखते हुए अन्य वैकल्पिक उर्वरकों को भी प्रयोग में लाने हेतु किसानों को जागरूक करने के लिए थोक एवं खुदरा उर्वरक विक्रेताओं को निर्देशित किया।जिलाधिकारी ने सभी उर्वरक कंपनियों और उनके थोक व खुदरा विक्रेताओं को भारत सरकार द्वारा निर्धारित उर्वरकों के अधिकतम खुदरा मूल्य पर जीरो टॉलरेंस नीति के तहत उर्वरकों की बिक्री करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिया कि किसानों की समस्याओं को दूर करना है खगड़िया जिला के लिए उर्वरक के आवंटन को बढ़ाने के लिए प्रयास करें, ताकि माहवार आवंटन ज्यादा प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि रासायनिक उर्वरक की उपलब्धता में कमी को देखते हुए जैविक उर्वरक के उपयोग की ओर धीरे धीरे बढ़ना होगा। वर्तमान आवश्यकता के पूर्ति के साथ पिक खपत के लिए तैयार रहना होगा। उर्वरककी खपत के आवश्यकता का वास्तविक आधार पर मूल्यांकन करना होगा। उर्वरक की कमी को देखते हुए उपलब्ध संसाधनों के इष्टतम उपयोग पर बल देना होगा। उर्वरक कंपनियों द्वारा खगड़िया में बफर के नियुक्ति के लिए प्रयास करना होगा। कोई उर्वरक विक्रेता अगर गलत करता पाए जाए तो उस पर निश्चित रूप से विधि सम्मत कार्रवाई होनी चाहिए।उर्वरक निगरानी समिति की बैठक में उप विकास आयुक्त श्री संतोष कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी श्री शैलेश कुमार, सभी उर्वरक कंपनियों के क्षेत्रीय पदाधिकारी, जिले के थोक एवं खुदरा उर्वरक विक्रेता सहित सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी शामिल हुए।