जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कृषि टास्क फोर्स की बैठक आयोजित, बीज वितरण, मृदा परीक्षण, फल उत्पादक, जैविक कॉरिडोर, फसल क्षति मुआवजा, किसानों की कार्यशाला आयोजित करने के संबंध में कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए

खगड़िया सदर: जिलाधिकारी खगड़िया डॉक्टर आलोक रंजन घोष की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कृषि टास्क फोर्स की बैठक समाहरणालय सभाकक्ष में हुई, जिसमें सभी संबंधित विभागों के पदाधिकारी सम्मिलित हुए। जिलाधिकारी ने संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।जिलाधिकारी ने बैठक की शुरुआत में जिला कृषि पदाधिकारी से बिछड़ा आच्छादन एवं रोपनी के बारे में जानकारी हासिल की। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि 85% बिचड़ा गिर गया है, जबकि धान की रोपनी मात्र 11% ही हो सकी है। जून एवं जुलाई महीने में अब तक हुई कम बारिश के चलते जिले में रोपनी कम हुई है। इस संबंध में जिलाधिकारी द्वारा पूछे जाने पर जिला सांख्यिकी पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि जून में 20% कम जबकि जुलाई में अब तक 60% कम बारिश हुई है। जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि किसान किसी तरह बिचड़ा को पटवन के माध्यम से सुरक्षित रखे हुए हैं। सामान्य वर्षापात की स्थिति में 15 जुलाई तक रोपनी शत-प्रतिशत हो जाती है।

बीज वितरण की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया कि चालू कृषि वर्ष सहित 2 वर्षों का बीज वितरण का डाटा प्रस्तुत किया जाए कि एक ही किसान को बार-बार बीज तो नहीं मिल रहा है। यह संभव है कि अनुदानित बीज वितरण हेतु ऑनलाइन आवेदन में जानकार किसान हर साल लाभ ले सकता है, जबकि अन्य किसान जानकारी के अभाव में इनसे वंचित रह सकते हैं। अतः जिलाधिकारी ने बीज वितरण के संबंध में किसानों के बीच प्रचार प्रसार करने का निर्देश दिया गया, ताकि अधिक से अधिक किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकें।

जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि धान, मड़ुवा एवं उड़द के बीज का शत प्रतिशत वितरण कर दिया गया है। अभी मक्का हाइब्रिड का बीज वितरण हेतु विभाग से प्राप्त हुआ है।रासायनिक खाद की उपलब्धता की समीक्षा करते के क्रम में जिलाधिकारी ने पाया कि जिले में रासायनिक खाद की कमी इस वक्त नहीं है। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया की रोपनी के समय डीएपी एवं बाद में यूरिया की मांग होती है। माहवार आवश्यकता की तुलना में निकट भविष्य में उर्वरक की कमी नहीं होने का निर्देश जिला कृषि पदाधिकारी को दिया। जिलाधिकारी ने रासायनिक खाद के थोक विक्रेताओं की संख्या के बारे में भी जानकारी ली।इनपुट अनुदान योजना, किसान क्रेडिट कार्ड एवं प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की भी समीक्षा की गई। विभिन्न स्तरों पर लंबित नए आवेदनों को निस्तारित करने का निर्देश दिया गया।बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नुकसान हुए फसलों के संबंध में वीडियोग्राफी का निर्देश पूर्व में दिया जा चुका है, ताकि किसानों को मुआवजा देने में किसी तरह की कठिनाई ना हो। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में वीडियोग्राफी करा ली गई है ताकि लगे हुए फसल के संबंध में साक्ष्य मौजूद रहे इससे मुआवजा के संबंध में दवा करने पर वीडियोग्राफी से मिलान करके भुगतान करने में सुविधा होगी। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि गलत व्यक्ति को मुक्ता ना हो और सही व्यक्ति मुआवजे की राशि से वंचित न रहे।कृषि यांत्रिकीकरण के संबंध में जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि नई मशीनों को जीविका ग्रुप को क्रय करने हेतु प्रेरित करें। साथ ही यंत्र विक्रेताओं से बातचीत कर यांत्रिकीकरण मेला आयोजित करें।जिलाधिकारी ने बैठक में जैविक कोरिडोर से संबंधित योजनाओं की प्रगति के लिए जिला उद्यान पदाधिकारी को निर्देशित किया। उन्होंने जैविक कृषि के संबंध में पूर्णतः जैविक ग्राम विकसित करने का निर्देश दिया एवं टपकन सिंचाई को प्रोत्साहित करते हुए लाभुकों की संख्या बढ़ाने का भी निर्देश दिया।जिलाधिकारी ने जल जीवन हरियाली से संबंधित योजनाओं की एमआईएस पर प्रविष्टि कराने का निर्देश भी जिला कृषि पदाधिकारी को दिया। उन्होंने योजनाओं की सूची भी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया, ताकि क्षेत्र भ्रमण के दौरान इनके जांच की जा सके।

जिलाधिकारी ने बड़े फल उत्पादक किसानों, विशेषकर आम उत्पादकों के साथ कार्यशाला आयोजित करने का निर्देश दिया। ये बड़े किसान बाद में मास्टर ट्रेनर के रूप में अन्य छोटे किसानों को ट्रेनिंग देने में सक्षम हो पाएंगे।

कृषि विज्ञान केंद्र के पदाधिकारी को जिलाधिकारी ने जलवायु अनुकूल कृषि एवं प्राकृतिक कृषि के क्षेत्र में कार्य करने एवं क्षेत्र भ्रमण कर कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया।मृदा स्वास्थ्य परीक्षण के संबंध में जिलाधिकारी ने पाया कि कई प्रखंडों से प्राप्त मृदा के नमूनों की जांच नहीं की गई है। इस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताते हुए कहा कि हर प्रखंड से आनुपातिक रूप से नमूनों की जांच प्रतिदिन की जाए। हर प्रखंड के 6-6 नमूनों की जांच प्रतिदिन की जा सकती है।

सरकारी नलकूपों के संबंध में जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि खराब पड़े नलकूपों को तत्काल ठीक कराया जाए और जिन नलकूपों में बिजली की संबद्धता नहीं है, उनकी सूची बिजली विभाग को प्रेषित किया जाए, ताकि नलकूप को तुरंत चालू किया जा सके। सरकारी नलकूपों में इलेक्ट्रिकल फॉल्ट को ठीक कराने का निर्देश कार्यपालक अभियंता विद्युत आपूर्ति को दिया गया।

मत्स्य एवं पशुपालन विभाग को भी विभागीय योजनाओं में प्रगति लाने और किसानों के बीच इनका प्रचार प्रसार करने का निर्देश दिया गया।जिला मत्स्य पदाधिकारी को एक्वाकल्चर के विकास हेतु कोई ग्राम चयनित करते हुए कार्य करने का निर्देश दिया गया।जिला कृषि पदाधिकारी ने जिला अधिकारी को बताया कि अभी सभी पंचायतों में किसान चौपाल का आयोजन किया जा रहा है जिसमें नुक्कड़ नाटक के माध्यम से विभागीय योजनाओं का प्रचार प्रसार किया जा रहा है। 20 जुलाई तक किसान चौपाल का सभी पंचायतों में आयोजन कर लेना है।

जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि कृषि टास्क फोर्स के बैठक में अंतर्विभागीय मामलों को उठाना है, ताकि समन्वय स्थापित करने में कोई कठिनाई न हो। उन्होंने निर्देश दिया कि माह में कृषि टास्क फोर्स की किसी एक बैठक में सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी भी उपस्थित रहें, ताकि उनके द्वारा किए जा रहे कार्यो की भी समीक्षा की जा सके।इस बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी श्री शैलेश कुमार, जिला उद्यान पदाधिकारी श्री जावेद, सहायक निदेशक पौधा संरक्षण श्री श्याम नंदन कुमार, बाढ़ नियंत्रण प्रमंडलों के कार्यपालक अभियंता, विद्युत आपूर्ति एवं लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण संगठन के कार्यपालक अभियंता, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी सहित सभी संबंधित विभागों के पदाधिकारी एवं प्रतिनिधि शामिल हुए।

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