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जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बाढ़ पूर्व तैयारियों की समीक्षा बैठक, बाढ़-सुखाड़ की पूर्व तैयारी ससमय करने का दिया निर्देश

खगड़िया सदर : जिलाधिकारी डॉ आलोक रंजन घोष की अध्यक्षता में बाढ़ पूर्व तैयारियों की समीक्षा बैठक समाहरणालय सभागार में संपन्न हुई। जिलाधिकारी ने महत्त्वपूर्ण दिशा निर्देश संबंधित विभागीय पदाधिकारियों को दिया एवं आपदा का सामना करने हेतु तैयारी पूरी करने का निर्देश दिया।

 

जिलाधिकारी ने सभी अंचलाधिकारियों को संसाधन मानचित्रण, ऊंचे शरण स्थली को चिन्हित करने एवं इसका भौतिक सत्यापन करने, मवेशियों के लिए शरण स्थली की पहचान एवं भौतिक सत्यापन करने, शरण स्थली पर पेयजल, शौचालय इत्यादि मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था, सरकारी एवं निजी नौकाओं का निबंधन, मरम्मती एवं गत वर्ष परिचालित नौकाओं का भुगतान, बाढ़ पीड़ितों को अनुग्रह राशि का वितरण, मानव एवं पशु हेतु दवाओं की उपलब्धता, तटबंधों की मरम्मत एवं सुरक्षा, नोडल पदाधिकारियों एवं पर्यवेक्षकीय पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति, गोताखोरों का प्रशिक्षण, बाढ़ राहत कार्य हेतु निविदा का प्रकाशन इत्यादि के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

 

उन्होंने सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा कोषांग, बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों को संकटग्रस्त समूहों यथा निशक्तजन, वृद्ध, बीमार, धातृ एवं गर्भवती महिलाओं की पहचान करने एवं उनकी सूची अंचलाधिकारियों एवं जिला आपदा प्रबंधन केंद्र को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।

 

सभी अंचलाधिकारियों को संसाधन मानचित्रण, जिसमें बाढ़ प्रभावित ग्राम, पंचायत, शरण स्थली, नदी, सड़क, तटबंध आदि को दर्शाया गया हो, आपदा प्रबंधन शाखा को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। बाढ़ राहत शिविरों में पेयजल, पुरुषों में महिलाओं के अलग-अलग शौचालय, प्रकाश एवं साफ सफाई की समुचित व्यवस्था, प्रसव की व्यवस्था, भोजन बनाने हेतु उपस्कर आदि व्यवस्था पूर्व से ही करने का निर्देश दिया गया।

 

अंचलाधिकारियों को सरकारी नावों की गहनी एवं मरम्मति तथा निजी नावों के निबंधन के अलावा उनके मालिकों साथ इकरारनामा कराने का भी निर्देश दिया गया, ताकि बाढ़ के समय उनका उपयोग राहत कार्यों हेतु किया जा सके। अंचलवार सभी नाविकों एवं नावों की सूची उनके मोबाइल नंबर एवं खाता नंबर के साथ संधारित करने का निर्देश दिया गया जिसे हर साल अद्यतन किया जाए। नाव भुगतान बकाया का जांचोपरांत अविलंब भुगतान करने का निर्देश भी दिया गया।

 

सिविल सर्जन एवं जिला पशुपालन पदाधिकारी को आवश्यक दवाओं की व्यवस्था के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मेडिकल कैंप लगाने एवं मेडिकल टीम के गठन के संबंध में भी तैयारी रखने का निर्देश दिया गया। विशेष रूप से हैलोजन टेबलेट, ब्लीचिंग पाउडर, सर्पदंश की दवा, क्लोरीन टेबलेट, ओआरएस घोल के पैकेट, एंटी रेबीज सुईयां, एंटीबायोटिक दवाएं, एंटीफंगल दवाएं इत्यादि पर्याप्त मात्रा में भंडार में रखने एवं उनके एक्सपायरी डेट के संबंध में सत्यापन करने का निर्देश सिविल सर्जन को दिया गया। पशु चारा की भी उपलब्धता रखने का निर्देश जिला पशुपालन पदाधिकारी को दिया गया।एसडीआरएफ की टीम को पूरी तैयारी के साथ मुस्तैद रहने का निर्देश दिया गया। इनफ्लैटेबल मोटर बोट एवं लाइफ जैकेट का भौतिक सत्यापन करते हुए इन्हें सक्रिय स्थिति में रखने का निर्देश दिया गया। जिला सांख्यिकी पदाधिकारी को 15 मई से नियमित तौर पर वर्षापात के आंकड़ों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया।

आपदा कार्यों के संचालन हेतु पॉलीथिन शीट, जेनरेटर, महाजाल, पेट्रोमैक्स इत्यादि की उपलब्धता का भौतिक सत्यापन करते हुए इनका आंकड़ा भी उपलब्ध कराने का निर्देश सभी अंचलधिकारियों को दिया गया। गोताखोरों की सूची भी संधारित रखने एवं उनके साथ इकरारनामा करने का निर्देश दिया गया, ताकि बाढ़ आने पर उनकी प्रतिनियुक्ति बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में की जा सके। आपदा सलाहकार प्रदीप को निर्देशित किया गया कि सभी गोताखोरों को प्रशिक्षित रखते हुए उनकी सूची संधारित रखें। खाद्य एवं राहत सामग्री के संबंध में अंचलाधिकारियों को स्थानीय दुकानदारों के साथ बैठक करने का भी निर्देश दिया गया।

बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल एक और दो को सभी तटबंधों की मरम्मत 15 मई तक करने का निर्देश दिया गया। संवेदनशील स्थानों पर निरोधात्मक सामग्री का भंडारण पूर्व सही करने का निर्देश दिया गया। गत वर्ष तटबंध ऊपर हुए रेन कट की भी मरम्मति करने का निर्देश दिया गया। अनुमंडल पदाधिकारियों एवं अंचलाधिकारियों को तटबंधों का निरीक्षण करने का भी निर्देश दिया गया। तटबंधों पर कटाव की सूचना के संबंध में स्थानीय ग्रामीणों ने युवकों को प्रशिक्षित करने का भी निर्देश दिया गया।

कार्यपालक अभियंता, ग्रामीण कार्य विभाग तथा पथ निर्माण विभाग को गत वर्ष बाढ़ में क्षतिग्रस्त सड़कों का निरीक्षण कर उनकी मरम्मति का कार्य निर्धारित समय पर कराने का निर्देश दिया गया।

जिला कृषि पदाधिकारी को बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के लिए आकस्मिक फसल योजना के सूत्र एवं वैकल्पिक फसल योजना तैयार रखने का निर्देश दिया गया।

कार्यपालक अभियंता, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण संगठन को बाढ़ से प्रभावित होने वाले संभावित क्षेत्रों में चापाकल एवं शौचालय की व्यवस्था करने हेतु आवश्यक तैयारी पूरी करने का निर्देश दिया गया।

नगरीय क्षेत्रों में नाला की उड़ाही, जलजमाव की निकासी, ब्लीचिंग पाउडर के छिड़काव के लिए कार्यपालक पदाधिकारी, नगरीय क्षेत्रों को निर्देशित किया गया।

इस अवसर पर अपर समाहर्ता श्री शत्रुंजय कुमार मिश्रा, अनुमंडल पदाधिकारी, खगड़िया श्री अमित अनुराग, अनुमंडल पदाधिकारी, गोगरी श्री अमन कुमार सुमन, भूमि सुधार उप समाहर्ता, गोगरी श्री चंद्र किशोर सिंह, सभी संबंधित अभियंत्रण एवं तकनीकी विभागों के पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी श्री शैलेश कुमार, जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉक्टर मोइनुद्दीन, जिला समादेष्टा होमगार्ड श्री अनुज कुमार, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी श्री आनंद प्रकाश, डीपीओ आईसीडीएस श्रीमती सुनीता कुमारी, वरीय उप समाहर्ता श्री विजय कुमार श्री नवाजिश अख्तर,आपदा सलाहकार श्री प्रदीप कुमार, एसडीआरएफ इंस्पेक्टर श्री वीरेंद्र कुमार, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी एवं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी भी उपस्थित थे।

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