जल जीवन हरियाली योजनाओं एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम की उप विकास आयुक्त द्वारा विभागवार एवं प्रखंडवार समीक्षा, एमआईएस पोर्टल पर शत प्रतिशत एंट्री एवं कार्य पूर्णता का दिया गया निदेश

खगड़िया सदर : उप विकास आयुक्त, खगड़िया श्री संतोष कुमार ने जल जीवन हरियाली के अंतर्गत कराए जा रहे कार्यों एवं वृक्षारोपण की गहन समीक्षा बैठक की और आवश्यक निर्देश दिए। इस बैठक में सभी अंचलाधिकारी या राजस्व कर्मचारी, कार्यक्रम पदाधिकारी, मनरेगा एवं संबंधित विभागों के पदाधिकारी शामिल हुए।बैठक की शुरुआत में उप विकास आयुक्त ने सार्वजनिक जल संरक्षण को चिन्हित कर अतिक्रमण मुक्त करने के संबंध में गोगरी, खगड़िया एवं परबत्ता अंचलाधिकारी को निर्देश दिया कि शेष बचे हुए जल संरचनाओं को अतिक्रमण मुक्त कराएं और इसकी एंट्री एमआईएस पर करा दें। शेष अंचलों में चिन्हित सार्वजनिक जल संरचनाओं को अतिक्रमण मुक्त कराया जा चुका है।लघु जल संसाधन विभाग द्वारा सार्वजनिक तालाब/पोखर का जीर्णोद्धार कार्य के संबंध में एमआईएस पर मात्र 4 एंट्री कराई गई है। मनरेगा के अंतर्गत सार्वजनिक पोखर-तालाब के जीर्णोद्धार हेतु प्रखंडवार कुल 590 का लक्ष्य रखा गया है, जबकि एमआईएस पर मात्र 54 की इंट्री की गई है। उप विकास आयुक्त ने कड़ी नाराजगी जताते हुए सभी मनरेगा पीओ को निर्देश दिया कि अविलंब लक्ष्य के अनुरूप योजनाओं की एमआईएस पर एंट्री कराते हुए कार्य प्रारंभ करें। उन्होंने कहा कि 18 अमृत सरोवरों पर काम जारी है। इसकी इंट्री कराने पर एमआईएस पोर्टल पर प्रगति दिखेगी। उन्होंने कहा कि 5 एकड़ तक के धार पर भी काम कराया जा सकता है। शेष अमृत सरोवर पर विकास आयुक्त ने अविलंब कार्य प्रारंभ करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जितने तालाबों पर काम जारी है उसकी एंट्री एमआईएस पोर्टल पर कराएं।

उन्होंने छोटे तालाबों को भी जल जीवन हरियाली योजना के अंतर्गत चयनित करने का निर्देश दिया, क्योंकि कम लगत की छोटी योजनाओं को लेकर काम पूर्ण करने पर जिले की उपलब्धि में वृद्धि आएगी। उन्होंने सभी मनरेगा पीओ को क्षेत्र में घूमकर जल संरचनाओं को देखने का निर्देश दिया और कहा कि गैर मजरूआ आम और खास जमीन पर स्थित तालाब को चयनित करना है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जो भी संबंधित पदाधिकारी जल जीवन हरियाली में प्रगति नहीं करेंगे उनका वेतन बंद करने अथवा वेतन में कटौती का प्रस्ताव जिलाधिकारी के समक्ष रखा जाएगा। उन्होंने जल जीवन हरियाली में प्रगति की साप्ताहिक समीक्षा करने का भी निर्देश दिया।पंचायती राज विभाग द्वारा कुओं के जीर्णोद्धार के संबंध में उन्होंने पाया कि 514 लक्ष्य के विरुद्ध मात्र 128 योजना ली गई है और इस प्रकार गैप 388 का है। उन्होंने इस संबंध में पंचायती राज कार्यालय के प्रोग्रामर से स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश दिया। पंचायती राज विभाग द्वारा 126 योजनाओं में से 44 की है एंट्री एमआईएस पर की गई है जबकि पीएचइडी द्वारा शत प्रतिशत 129, खगड़िया नगर परिषद द्वारा शत प्रतिशत 111 एवं गोगरी जमालपुर नगर परिषद द्वारा 25 योजनाओं की एंट्री की गई है। कुआं किनारे सोख्ता निर्माण में भी पंचायती राज विभाग द्वारा कुल लक्ष्य 646 के विरुद्ध मात्र 38 योजनाओं की प्रविष्टि एमआईएस पर की गई है, जो कि संतोषजनक नहीं है।सार्वजनिक चापाकल के किनारे सोख्ता निर्माण में मनरेगा द्वारा लक्ष्य 1548 के विरुद्ध मात्र 638 योजनाओं को लिया गया है और 910 का अंतर परिलक्षित हो रहा है। इस धीमी प्रगति पर कड़ी नाराजगी जताते हुए उप विकास आयुक्त द्वारा सभी मनरेगा पीओ को निर्देश दिया गया कि लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग से सार्वजनिक चापाकलों की सूची लेकर सोख्ता निर्माण को लक्ष्य के अनुरूप पूर्ण करने का प्रयास करें एवं इसकी एमआईएस पर एंट्री कराएं।नए जल स्रोतों के सृजन के संबंध में मनरेगा द्वारा निजी जमीन पर खेतपोखरी के निर्माण हेतु ली गई 60 योजनाओं में से मात्र 30 की प्रविष्टि एमआईएस पर की गई है। बेलदौर में 24 में से मात्र 3 योजनाओं की जबकि चौथम में 20 में से मात्र 5 योजनाओं की प्रगति की गई। उप विकास आयुक्त ने कहा कि जिले में खेतपोखरी के निर्माण के संबंध में अत्यधिक संभावनाएं हैं। इसके लिए जीविका दीदियों से भी संपर्क कर खेतपोखरी के निर्माण की संख्या को बढ़ाया जा सकता। उन्होंने सभी मनरेगा पीओ को इस संबंध में लक्ष्य निर्धारित करने का निर्देश दिया और कहा कि इस योजना के लिए लाभुकों की कोई कमी नहीं है।नए जल स्रोतों के सृजन के संबंध में पशुपालन एवं मत्स्य विभाग द्वारा 37 में से 37 योजनाओं, जबकि कृषि विभाग द्वारा 4 में से 4 योजनाओं की एमआईएस पर एंट्री करा दी गई है।

उप विकास आयुक्त ने सभी मनरेगा पीओ को अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए अंचलाधिकारियों से संपर्क करने का निर्देश दिया‌। उन्होंने पोखर निर्माण से संबंधित योजनाओं का चयन अभी करते हुए बरसात के बाद काम प्रारंभ करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि परंपरागत तालाब पोखर को भर कर उस पर भवन बनाने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। जिले में मेड़बंदी की योजनाओं को चयनित करके उन पर काम करने की संभावनाएं अधिक हैं। उन्होंने अमृत सरोवर के संबंध में भी अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त कर कार्य प्रारंभ करने का निर्देश दिया। उन्होंने नए खेतपोखरी और तालाब के निर्माण के साथ ज्यादा से ज्यादा पुराने तालाबों के जीर्णोद्धार का भी निर्देश दिया गया।भवनों में छत वर्षा जल संचयन के संबंध में मनरेगा द्वारा ली गई 31 योजनाओं में से 25 की एंट्री कराई गई है, शिक्षा विभाग द्वारा 78 में से 78 की एंट्री करा दी गई है, जबकि भवन निर्माण विभाग द्वारा 83 में से 76 की एंट्री एमआईएस पर कराई गई है। विभिन्न विभागों द्वारा छत वर्षा जल संचयन के लिए भौतिक रूप से ली गई 171 योजनाओं में से 163 का कार्य पूर्ण करते हुए एंट्री एमआईएस पर करा दी गई है जो लक्ष्य का 95% है।

सघन वृक्षारोपण के लिए मनरेगा के अंतर्गत विभिन्न प्रखंडों के लिए कुल 769 यूनिट का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से 643 योजनाएं ली गई हैं और इनमें से 476 का इंट्री एमआईएस पोर्टल पर किया गया है। इसी प्रकार वैकल्पिक फसलों की सिंचाई जैविक खेती एवं अन्य नई तकनीकों के उपयोग के संबंध में उद्यान विभाग द्वारा ली गई 801 योजनाओं के विरुद्ध मात्र 8 योजनाओं की एंट्री एमआईएस पोर्टल पर की गई है, जिसे उप विकास आयुक्त ने अत्यंत ही खेदजनक मानते हुए सभी योजनाओं की एंट्री एमआईएस पर कराने का निर्देश दिया।सौर ऊर्जा उपयोग को प्रोत्साहन देने एवं ऊर्जा की बचत हेतु विद्युत प्रमंडल द्वारा ली गई 28 में से 28 योजनाओं की प्रविष्टि एमआईएस पर की गई है, लेकिन कार्य पूर्णता की स्थिति शून्य है। उप विकास आयुक्त ने ब्रेडा के अभियंता को विद्युत विभाग से संपर्क कर सभी चयनित योजनाओं का कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया।

जल जीवन हरियाली अंतर्गत चयनित योजनाओं की भौतिक प्रगति एवं एमआईएस पर प्रविष्टि के बीच गैप को समाप्त करने का निर्देश देते हुए उप विकास आयुक्त ने कहा कि हर योजना का एमआईएस पर प्रविष्टि सुनिश्चित कराई जाए। छत वर्षा जल संचयन के संबंध में उप विकास आयुक्त ने निर्देश दिया कि सभी चयनित भवनों में लंबित कार्य को पूर्ण किया जाए। चापाकल एवं कुआं के साथ सोख्ता का निर्माण पूर्ण किया जाए।

उप विकास आयुक्त ने निर्देश दिया कि हर हाल में कार्य पूर्णता पर ध्यान केंद्रित करना है जिन पंचायतों में योजनाओं के कार्य पूर्णता की स्थिति शुरू से ही खराब है, उन पर विशेष ध्यान देना है।उप विकास आयुक्त द्वारा वृक्षारोपण कार्यक्रमों के भी विस्तार से समीक्षा की गई और जिले को वृक्षारोपण हेतु राज्य द्वारा मिले लक्ष्य 2 लाख 26 हजार को इस माह के अंत तक प्राप्त करने का निर्देश मनरेगा के कनीय अभियंताओं एवं पंचायत रोजगार सेवकों को दिया। उन्होंने वृक्षारोपण के साथ वनपोषकों की बहाली, नियमित पानी डालने एवं चापाकल लगाने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि कोशिश यह करनी है कि लगाए गए वृक्षों में से न्यूनतम 95% बच जाएं। उन्होंने वृक्षारोपण हेतु खोदे गए गड्ढों की संख्या की भी प्रखंडवार समीक्षा की और इसमें अपेक्षित तेजी लाने का निर्देश दिया।उन्होंने वृक्षारोपण के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु कार्य योजना बनाने एवं विभिन्न संस्थानों के कैंपसों, सार्वजनिक जगहों अथवा निजी व्यक्तियों के जमीनों पर कितना यूनिट वृक्षारोपण करना है, इसका आंकड़ा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। उन्होंने पंचायतों के अनुपात में वन विभाग से प्राप्त पौधों को सभी प्रखंडों में वितरित करने का निर्देश दिया। परबत्ता में 2 कनीय अभियंता होने के बावजूद वृक्षारोपण का कार्य संतोषजनक नहीं पाए जाने के संबंध में चेतावनी देते हुए इसमें प्रगति लाने का निर्देश दिया।

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