खगड़िया सदर : जिलाधिकारी खगड़िया डॉक्टर आलोक रंजन घोष ने समाहरणालय सभाकक्ष में हर सप्ताह की भांति आयोजित “जनता के दरबार में जिलाधिकारी” कार्यक्रम में लोगों के समस्याओं की सुनवाई की। जनता दरबार में विभिन्न प्रखंडों से आए हुए आवेदकों एवं शिकायतकर्ताओं ने जिलाधिकारी के समक्ष अपनी समस्याओं एवं शिकायतों को रखा, जिसपर जिलाधिकारी ने संबंधित विभागीय पदाधिकारियों को इनके त्वरित निराकरण के लिए निर्देश दिए।आज जिलाधिकारी के समक्ष जनता दरबार में आवेदकों एवं फरियादियों द्वारा सुनवाई हेतु प्रस्तुत किए गए मामले मुख्य रूप से शिक्षा विभाग, आईसीडीएस, निजी स्कूलों में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत 25% कोटा के अंतर्गत नामांकन, आपदा अनुदान की राशि, नल जल योजना, भूमि विवाद, दाखिल खारिज, सामाजिक सुरक्षा योजना, बंदोबस्त जमीन पर अवैध कब्जा, रास्ता अतिक्रमण, जमीन मापी, बासगीत पर्चा के वितरण, विद्युत कनेक्शन, मालगुजारी रसीद, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ, जमीन विवाद, अतिक्रमण, पेंशन, मनरेगा इत्यादि से संबंधित थे।विद्यालय में प्राचार्य के चार्ज को लेकर वरीयता निर्धारण के संबंध में शिकायत के संबंध में जिलाधिकारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया। इसी प्रकार वीर बास औकात पंचायत के वार्ड नंबर 2 में आंगनवाड़ी सेविका के चयन के संबंध में प्राप्त शिकायत का ऑन स्पॉट निष्पादन किया गया। डीपीओ,आईसीडीएस द्वारा बताया गया कि शिकायतकर्ता का दावा गलत है और अति पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थी का ही चयन किया गया है। भदास दक्षिणी से पहुंचे दिव्यांग एवं मेधावी विद्यार्थी सरोज कुमार को शिक्षा ऋण का लाभ लेने का सुझाव जिलाधिकारी द्वारा दिया गया और बताया गया कि उन्हें न्यूनतम साधारण ब्याज दर पर शिक्षा ऋण मिल सकता है। चौथम में बंदोबस्ती की जमीन पर चौकीदार द्वारा कब्जे की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए अंचलाधिकारी चौथम को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया। लकवा पीड़ित वृद्ध मोहम्मद मसराइल रसोई को पेंशन एवं अन्य लाभ देने का निर्देश सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा कोषांग को दिया गया। निजी विद्यालयों में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 25% कोटा के अंतर्गत विद्यार्थियों का नामांकन नहीं लिए जाने के संबंध में प्राप्त शिकायत पर जिलाधिकारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी से स्पष्टीकरण पूछते हुए इसके प्रावधानों को निजी विद्यालयों में कठोरता से लागू कराने का निर्देश दिया। निजी जमीन पर मनरेगा से पोखर निर्माण के संबंध में प्राप्त आवेदन पर त्वरित कार्रवाई करते हुए उप विकास आयुक्त को पहल करने हेतु निर्देशित किया गया।जिलाधिकारी ने धैर्यपूर्वक एक-एक आवेदकों की बात को ध्यान से सुना एवं उनपर अग्रेतर आवश्यक कार्रवाई हेतु संबंधित विभागीय पदाधिकारियों को निर्देश के साथ हस्तगत कराया गया। जिलाधिकारी ने समस्याओं की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए कुछ मामलों में त्वरित राहत हेतु निर्देश संबंधित पदाधिकारियों को दिए। कुछ मामलों में जांच कराने का निर्देश भी दिया गया। कुछ मामलों में जिलाधिकारी ने आवेदकों को पुलिस अधीक्षक के पास जाने की भी सलाह दी।शिकायत एवं समस्या लेकर जनता दरबार में पहुंचे शिकायतकर्ता एवं आवेदक जिलाधिकारी द्वारा मामलों की सुनवाई से संतुष्ट नजर आए। बड़ी संख्या में महिलाएं भी अपनी शिकायतों की सुनवाई हेतु जनता दरबार में पहुंचीं थीं। जिलाधिकारी द्वारा उनकी बातों को धैर्य से सुना गया। आवेदकों की संख्या को देखते हुए अपर समाहर्ता एवं जिला पंचायती राज पदाधिकारी ने भी कुछ मामलों की सुनवाई की। प्रत्येक शुक्रवार को पूर्वाह्न 11:00 बजे से अपराह्न 3:00 बजे तक “जनता के दरबार में जिलाधिकारी” कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।जिलाधिकारी ने प्राप्त शिकायतों की सुनवाई करते हुए जनता की समस्याओं को दूर करने का निर्देश सभी संबंधित विभागीय पदाधिकारियों को दिया। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि शिकायतों एवं मामलों को तार्किक परिणति तक पहुंचाना सुनिश्चित करें। उन्होंने पूरी सहानुभूति के साथ जनता की समस्याओं को सुनने और उन पर कार्रवाई करने के लिए पदाधिकारियों को निर्देशित किया।जनता दरबार में अपर समाहर्ता श्री शत्रुंजय कुमार मिश्रा, उप विकास आयुक्त श्री संतोष कुमार, जिला पंचायती राज पदाधिकारी मोहम्मद फैयाज अख्तर, सिविल सर्जन डॉक्टर अमरनाथ झा, जिला शिक्षा पदाधिकारी श्री कृष्ण मोहन ठाकुर, जिला निबंधक डॉक्टर यशपाल, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (आईसीडीएस) श्रीमती सुनीता कुमारी, सहायक निदेशक (सामाजिक सुरक्षा) श्री हरिशंकर सिंह, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (मिड डे मील) श्री शैलेंद्र कुमार, वरीय उप समाहर्ता श्री राजन कुमार सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित रहे।
जनता के दरबार में जिलाधिकारी” कार्यक्रम में लोगों की समस्याओं एवं शिकायतों की जिलाधिकारी ने की सुनवाई, शिकायतों के त्वरित निराकरण हेतु पदाधिकारियों को दिया निर्देश
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