मधेपुरा(मोहम्मद अनसार आलम): सरकार जहां एक और स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालयों के निर्माण पर लाखों खर्च किए जा रहे हैं । वहीं चौसा में एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं बना हुआ है । इसके आभार में ग्रामीण,व्यापारियों एवं राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पूर्व जिला परिषद सीमा गुप्ता के द्वारा बस स्टैंड पर पूर्व में सार्वजनिक शौचालय बनाया गया था।जो काफी समय हो जाने के कारण इन दिनों वे शौचालय खंडहर में तब्दील हो चुकी है। उसी स्थान पर फिर से नए सार्वजनिक शौचालय की मांग को लेकर स्थानीय स्तर पर जनप्रतिनिधि एवं समाजसेवियों ने वरीय अधिकारियों को पत्र भी लिखा। इसके बावजूद सार्वजनिक शौचालय का निर्माण नहीं हो सका। इतना ही नहीं इतने खंडहर होने के बाबजूद शौचालय में लोग नाक बंद कर शौच किया जाता है, इतना ही नहीं वहां पेशाब करने के लिए भी लोगों को नाक बंद करना पड़ता है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि बस स्टैंड पर एक भी चापाकल नहीं है। एक चापाकल अगर सार्वजनिक शौचालय कैंपस में है अभी तो उसे पानी निकालना बड़ी कठिन कार्य है। बहुत देर चलाने के बाद बस एक गिलास पानी निकल गया तो बहुत बड़ी बात है। यह चौसा के लिए दुर्भाग्य है। कि यहां इस मुद्दे पर कोई भी जनप्रतिनिधि व अधिकारी अब तक कोई सकारात्मक पहल नहीं कर सका है। जिस कारण राहगीरों को एवं स्थानीय दुकानदारों को घोर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय समाजसेवी तूफानी पासवान, घनानंद राम, मोहम्मद लुकमान, वरुण यादव, अखिलेश मेहता आदि ने बताया कि बस स्टैंड प्रशासनिक शौचालय की मांग कई वर्षों से हो रही है। सिर्फ आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिलता है। उन लोगों के साथ साथ आम राहगीरों को काफी परेशानी होता है।
सहरसा, पुर्णिया,भागलपुर मधेपुरा कटिहार, सहित कई दिशा के लिए बस स्टैंड पर आते हैं राहगिर
चौसा बस स्टैंड पर विभिन्न दिशाओं में जाने के लिए बस पकड़ने के लिए सहरसा भागलपुर मधेपुरा कटिहार खगरिया पूर्णिया सहित कई जिले जाने के लिए राहगीर यहां बस पकड़ने आते हैं। देर सबेर उन लोगों को अगर शौचालय लग जाती है। तो उन लोगों को ढेर काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं पानी पीने के लिए उन्हें बोतल वाली पानी का ही सहारा लेना पड़ता है। क्योंकि बस स्टैंड पर कोई भी सार्वजनिक रूप से चापाकल तक नहीं है। बस स्टेंड मे कर रहे छोटी दुकान वाले लोगों को घोर परेशानी का सामना करना पड़ता है। हाल में ही एस एच 58 निर्माण वह चालू होते हैं। इन मार्गों में गाड़ियों का परिचालन काफी बढ़ गया है। इसके बावजूद इस इलाके में यात्रियों की सुविधा के लिए कोई प्रबंध नहीं किया गया है।