चाय में चीनी यदि
एक से दो हो जाय
मीठा भी जहर बन जाता है।
सुख हो या दुख
जब चौखट पे आन पड़ती
संभालना मुश्किल हो जाता है।
बैलगाड़ी चलती दो बैलों संग
एक भी बहक जाय
संतुलन गड़बड़ा ही जाता है।
ईस्वर तेरे रूप अनेक
जाने किस वेश मे
रोज मिलते हो पहचान नहीं पाते है।
डॉ सुजीत कुमार मिश्र*पुर्णिया,बिहार