- खराब लाइफस्टाइल और गलत खानपान आदि समस्याओं के शिकार होने से कम उम्र में हार्ट की समस्या का शिकार हो जाते हैं ।
जगदूत न्यूज पुरैनी मधेपुरा
मधेपुरा पुरैनी से अब तक कहा जाता रहा है कि एक उम्र के बाद ही हार्ट अटैक की आशंका रहती है, या फिर उन लोगों में इसकी आशंका ज्यादा होती है, जिनके परिवार में यह बीमारी पहले से रही हो। यानि जिसके परिवार में जेनिटकली यह चला आ रहा हो। लेकिन अब ऐसा नहीं है।
बातचीत के दौरान स्वास्थ्य कर्मी अख्तर आलम ने कहा अब एक बुरी लाइफ स्टाइल की वजह से यह किसी भी उम्र में किसी को भी आ सकता है। इन दिनों जो बेहद आम कारण हो सकते हैं हार्ट अटैक के उनमें स्मोकिंग,अल्कोहल, जंक फूड का सेवन, ओवर टाइम और स्ट्रेस यानि तनाव भी शामिल हैं।बीस रू किलो टमाटर लेकर ताजा चटनी खा सकते हैं, मगर हम डेढ़ सौ रू किलो टमाटो साँस खाते हैं वो भी एक दो माह पहले बनी हुई बासी, कई प्रकार के केमिकल डला हुआ ।पहले हम एक दिन पुराना घड़े का पानी नहीं पीते थे, घर में रोज सुबह घड़े का पानी बदलते थे, अब तीन माह पुराना बोतल का पानी बीस रू लीटर खरीद कर पी रहे हैं, केमिकल डला हुआ। पचास रू लीटर का दूध हमे महंगा लगता हैं और सत्तर रू लीटर का दो महीने पहले बना हुआ कोल्ड ड्रिंक हम पी लेते हैं। इसमें पूरा का पूरा केमिकल डला हुआ ।
दो सौ रू पाव मिलने वाला शरीर को ताकत देने वाला ड्राई फ्रुट हमें महंगा लगता है मगर 200 रू. का मैदे से बना पीज्जा शान से खा रहे हैं, इसमे बहुत सारे केमिकल डला हुआ । अपनी रसोई का सुबह का खाना हम शाम को खाना पसंद नहीं करते जब कि कंपनियों के छह छह माह पुराने सामान हम खा रहे हैं जबकि हम जानते है कि खाने को सुरक्षित रखने के लिए उसमें प्रिजर्वेटिव मिलाया जाता है।
पिछले वर्ष लाँकडाऊन में सबको संभवतः समझ आ गया होगा कि बाहर के खाने के बिना भी हमारा जीवन चल सकता हैं बल्कि बेहतर चल सकता है।
सोचने योग्य एवं गंभीर विचारणीय विषय है, क्या कारण है कि युवाओ को कम उम्र में को हार्ट अटैक आ रहा है। हार्ट फेल हो रहा है । किडनी खराब हो रही है। लिवर फेल हो रहे है ।कही यही सब तो कारण नहीं बन रहे है ।