कांवरिया धर्मशाला के संचालन का कार्य भार कांवरिया बाबा वीरेंद्र जायसवाल के परिजनों को सौंपे सरकार – डॉ अरविन्द वर्मा, चेयरमैन

कलवार सेवक समाज के चेयरमैन ने कांवरिया धर्मशाला भवन की जर्जरता पर उठाए सावल

कांवरिया बाबा के जीवन काल में कांवरियों को मिलने वाली सुविधाएं हुई नदारत

खगड़िया(इंदु प्रभा): सावन महीने में बाबा अजगैबीनाथ, सुल्तानगंज से गंगा जल और कांधे पर कांवर लेकर बाबा बैद्यनाथ धाम जाने वाले अधिकांश कांवरिया कटोरिया के सुइया रोड पर अवस्थित कांवरिया धर्मशाला में हजारों हजार कांवरिया अवश्य रात्रि विश्राम किया करते थे। जब से कांवरिया बाबा वीरेंद्र जायसवाल का देहावसान हुआ तब से कांवरियों की संख्या में दिनों दिन कमी होने लगी। कारण है उचित देखरेख का घोर अभाव। उक्त बातें, कलवार सेवक समाज के चेयरमैन डॉ अरविन्द वर्मा ने कांवरिया धर्मशाला का मुआयना कर वापस आने पर मीडिया से बातचीत में कहा। आगे उन्होंने कहा कामरिया सहयोग समिति, कटोरिया महंत बाबा वीरेंद्र प्रसाद जायसवाल, सोनबरसा राज, सहरसा निवासी को हलधर प्रसाद सिंह ने 21 जनवरी 1966 को जिला निबंधन कार्यालय, भागलपुर में कांवरिया धर्मशाला निर्माण हेतु 59 डिसमल जमीन दान में दिया था। कालांतर में कलवार समाज के महंथ बाबा वीरेंद्र जायसवाल कांवरिया बाबा के नाम से विख्यात हुए। बाबा वीरेंद्र जायसवाल के कुशल निर्देशन व देखरेख में भव्य बहुमंजिला इमारत धर्मशाला का निर्माण हुआ। देश विदेश से कांवरियों का आना जाना, रात्रि विश्राम, निःशुल्क सेवा, चिकित्सा सेवा आदि होने लगा। कांवरियों के लिए रात्रि में हर रोज सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन होने लगा। धर्मशाला में ठहरने वाले पुरुष और महिला कांवरिया गीत, संगीत और नृत्य में भाग लिया करते थे। डॉ वर्मा ने कहा वर्ष 1972 में कांवर लेकर पैदल बाबाधाम जाने के क्रम में मैं ने कांवरिया धर्मशाला में रात्रि विश्राम किया था, जहां मुझे कांवरिया बाबा का दर्शन हुआ था। मैंने बाबा से आशीर्वाद भी लिया था। मैंने अपनी आंखों से देखा था बाबा का नृत्य। कांवरिया बाबा खुद भगवान शिव के तांडव नृत्य किया करते थे। डॉ वर्मा ने कहा बाबाधाम जाने वाले कांवरियों के लिए कांवरिया धर्मशाला आकर्षण का केन्द्र बन चुका था। इसकी ख्याति देश विदेशों में होने लगी थी। बाबा की लोकप्रियता को देख आस पास के कुछ असामाजिक तत्वों की बुरी नजर बाबा पर लगी। कांवरिया के भेस में आकर बाबा पर एक साजिश के तहत आक्रमण किया और उनकी हत्या हो गई। बाबा वीरेंद्र जायसवाल के दिवंगत होते ही धर्मशाला का विकास कार्य अवरुद्ध हो गया। डॉ वर्मा ने कहा वर्तमान में कांवरिया धर्मशाला सरकार के अधीन है, जिसके पदेन अध्यक्ष कटोरिया विधायक डॉ निक्की हेमब्रम हैं। धर्मशाला जर्जर हो चुका है। धर्मशाला परिसर में बना कुआं सूख गया है । बाबा के जीवन काल में जो सुख सुविधा कांवरियों को मिला करता था, आज बिल्कुल नहीं मिल रहा है। इस धर्मशाला के रास्ते से गुजरने वाले कांवरियों के मुख से अक्सर सुनने को मिलता है काश! कांवरिया बाबा जिन्दा होते। आज हमारी सुधि लेने वाला कोई नहीं है। सरकारी अधिकारी सिर्फ खाना पूर्ति कर रहे हैं। अब धर्मशाला एवं परिसर की साफ सफाई भी ठीक से नहीं हो रहा है। कलवार सेवक समाज के चेयरमैन डॉ अरविन्द वर्मा ने बिहार सरकार के मुख्य मंत्री नीतीश कुमार तथा उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद से मांग किया है कि कांवरिया धर्मशाला की देखरेख और संचालन का कार्य भार कांवरिया बाबा वीरेंद्र जायसवाल के परिजनों को सौंप दिया जाय ताकि कांवरिया बाबा के सपने को साकार किया जा सके और भविष्य में देश विदेश के कांवरियों का कल्याण हो सके।

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