समालखा(लोकेश झा)प्रदेश में 650 गौशाला हैं जिसमें 595 गौशाला रजिस्टर्ड है। उन सभी गौशालाओं में लगभग 4:50लाख से 5 लाख के आसपास गोवंश रहते हैं। सरकार द्वारा इस वर्ष ₹600 प्रति गोवंश दिया गया है। जो कि एक गोवंश पर एक दिन में एक रूपये चौसठ पैसे में गौशाला संचालकों को चारे का करना होगा इंतजाम। सरकार द्वारा एक रूपये चौसठ पैसे दिए जाने के कारण गोवंश को भूखा रहना पर सकता है। यह जानकारी गोवंश गौशाला सेवा संघ के महासचिव रविंद्र सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी। साथ ही उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि गोवंश और गौशालाओं के कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर संघ के पदाधिकारियों की एक बैठक प्रदेश अध्यक्ष जगदीश मलिक की अध्यक्षता में संपन्न हुई। जिसमें इस मौके पर गोवंश गौशाला सेवा संघ के संरक्षक हरिओम तायल, श्री रामनिवास गुप्ता, कुलबीर, रविंद्र सिंह, महासचिव ओपी रंगोलियां, सनौली गौशाला के प्रधान राकेश गुप्ता, बिंजोल गौशाला से वीरेंद्र यादव , डॉक्टर वाय डी त्यागी सहित संघ के कई सदस्यों ने अपने अपने विचार व्यक्त किए। जिनमें महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि प्रदेश में गोचरानंद भूमि का रकबा 7140 एकड़ है। जिसको सरकार पट्टे पर देकर 230 करोड़ रुपए सालाना रेवेन्यू प्राप्त कर रही है। संस्था के सदस्यों ने सरकार से मांग किया है कि आर्थिक तौर पर या सभी गौशालाओं में चारे की व्यवस्था करवाई जाए साथ है पशुओं के चारे को आवश्यक अधिनियम में रखा जाए। गोचारण भूमि को गौशालाओं में गोवंश के संख्या के आधार पर पशुओं के लिए इस भूमि को आरक्षित किया जाय। इस वर्ष की आर्थिक सहायता गौशालाओं को अविलंब दिया जाए। गोवंश को गौशालाओं में भूखा मारने के वजाय गौशालाओं का गेट खोल दिया जाएगा जिसके जिम्मेदार गौशाला प्रबंधक समिति नहीं होगी।
एक रूपये चौसठ पैसे में एक गोवंश का एक दिन का चारे का करना होगा इंतजाम
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