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आधार कार्ड की मूल परि-कल्पना को षड्यंत्र रचकर हड़पने वाले भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के पूर्व चेयरमैन नंदन नीलकेणी पर सीवीआई का शिकंजा

इन्दौर(Arvind Verma):  नई दिल्ली स्थित केंद्रीय सतर्कता आयोग सीवीआई ने लिया संज्ञान, आधार कार्ड के जनक सुनील जायसवाल द्वारा भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के पूर्व चेयरमैन नंदन नीलकेणी के खिलाफ शिकायत पर संज्ञान में लेते हुए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण को एक सूचना पत्र जारी किया गया है। उक्त शिकायत पर एक माह में कार्यवाही सुनिश्चित कर सुक्ष्मता से जाचं कर एवं तीन माह में अनुसंधान कर जवाब मांगा गया है। सनद रहे विगत 29 सितंबर 2021 को आधार कार्ड के जनक सुनील जायसवाल, इंदौर ने सदर बाजार थाना, बाणगंगा थाने से लेकर सीएसपी, एसपी, डीएसपी, कमिश्न्रर, कलेक्टर, मुख्यमंत्री, सामान्य प्रशासन मंत्रालय, मध्यप्रदेश शासन भोपाल व नई दिल्ली के सभी मंत्रालयों, प्रधानमंत्री कार्यालय ,राष्ट्रपति सचिवालय एवं सीबीआई को भी अपनी ‘आधारायण” ग्रंथ शिकायत बुक पिटीशन याचिका 1176 पेज के माध्यम से भेजी थी, जिसमें उन्होंने अपना ‘शोध-पत्र” ‘”कर लो इंसान को मुठ्ठी में” जो की 15 अगस्त 2005 को राष्ट्रपति सचिवालय, प्रधानमंत्री कार्यालय भारत सरकार को भेजा गया था। तब से लेकर अभी तक 14 वर्षों के संघर्ष के दौरानआधार कार्ड के जनक होने का दावा पेश करते हुए, उक्त ग्रन्थ में आधार कार्ड के जन्म की कहानी लिखी है। उपरोक्त शिकायत पर सीवीआई ने संज्ञान लेते हुए एक सूचना पत्र जारी किया है। आधार कार्ड के जनक सुनील जायसवाल ने बताया कि शीघ्र ही हमारे पक्ष में फैसला आएगा और कल्चुरी समाज को उक्त सम्मान मिलेगा एवं मां अहिल्या की पावन नगरी इंदौर शहर को एक और सर्वश्रेष्ठ सौगात मिलेगी। स्मरण रहे की आधार कार्ड के जनक सुनील जायसवाल को पिछले दिनों भारत स्वच्छ मिशन इंदौर नगर पालिका निगम द्वारा आयोजित स्लोगन प्रतियोगिता में प्रथम अवार्ड मिला था, जिसका स्लोगन था ‘घर परिवार और अपनों को मुझे बचाना है, मुझे आज ही वैक्सीन लगवाना है” ।

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